रांची: राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से मिलकर मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।
मौके पर मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि नीट के तहत मेडिकल एग्जाम होने वाले हैं।
इसमें अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और ईडब्ल्यूएस ( गरीब सवर्ण) को तो आरक्षण मिलेगा लेकिन 52 प्रतिशत आबादी वाले ओबीसी समुदाय के छात्रों को आरक्षण नहीं मिलेगा।
उन्होंने ज्ञापन में कहा है कि केंद्र सरकार के द्वारा ओबीसी समुदाय के छात्रों के साथ अन्याय किया जा रहा है।
उनके अनुसार मद्रास हाई कोर्ट ने एक जजमेंट में केंद्र सरकार को कहा था कि नीट एग्जाम में ओबीसी समुदाय को छात्रों को आरक्षण मिलना चाहिए।
बावजूद केंद्र सरकार द्वारा बिना आरक्षण कोटा का निर्धारण किए नीट एग्जाम का डेट 12 सितंबर 2021 निकाल दिया गया है।
वैसी परिस्थिति में ओबीसी समुदाय को लगभग 11000 सीटों का भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
इस मौके पर राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने स्वास्थ्य मंत्री से मांग की कि राज्य सरकार केंद्र सरकार से मांग करे कि तत्काल नीट एग्जाम रद्द की जाए। क्योंकि इससे ओबीसी समुदाय के छात्रों को भारी नुकसान उठाना पड़ जाएगा।
यह भी कहा गया कि ओबीसी समुदाय का आरक्षण निर्धारण के बाद ही एग्जाम हो। अन्यथा झारखंड सरकार तमिलनाडु सरकार की तरह अपने राज्य में एग्जाम नहीं कराने का निर्णय ले।
गुप्ता ने यह भी कहा कि अगर केंद्र और राज्य की सरकार इस दिशा में सकारात्मक पहल नहीं करती है तो ओबीसी मोर्चा राज्यव्यापी आंदोलन करने को राज्य में बाध्य हो जाएगा।