Journalist Ravi Prakash Transplant Therapy at TMH: तकरीबन साढ़े तीन साल से Fourth स्टेज के Lungs कैंसर से जूझ रहे झारखंड के पत्रकार रवि प्रकाश की जिंदगी में मुंबई स्थित TATA मेमोरियल Hospital के दो डॉक्टरों की वजह से उम्मीदों की एक नई रोशनी दाखिल हुई है।
इस हॉस्पिटल के मेडिकल Oncology के प्रोफेसर और HOD Dr. कुमार प्रभाष और उनके प्रोफेसर Dr. विजय पाटिल ने उनका इलाज एक ऐसी Transplant थेरेपी के जरिए निःशुल्क करने का फैसला किया है, जिसकी लागत करीब साढ़े चार लाख अमेरिकी डॉलर है। भारतीय मुद्रा में यह रकम करीब पौने पांच करोड़ रुपए है।
खास बात यह है कि रवि प्रकाश भारत के संभवतः दूसरे मरीज होंगे, जिनका इलाज इस ट्रांसप्लांट थेरेपी के जरिए होगा। इस थेरेपी को मेडिकल भाषा में ‘कार टी सेल थेरेपी’ के नाम से जाना जाता है।
रवि प्रकाश बताते हैं कि Lungs Cancer का उनका संक्रमण उनके दिमाग तक पहुंच चुका है और इसके लिए उन्हें रेडिएशन लेना पड़ा है। उनका कैंसर पहले नॉन स्मॉल था, जो अब स्मॉल सेल में बदल गया है और इस बदलाव ने उनके इलाज के विकल्प सीमित कर दिए।
इस तरह हुई थेरेपी मुफ्त में करने की पहल
इस स्थिति में इलाज के लिए कोई तय प्रोटोकॉल नहीं है। स्थिति यह कि उनके सामने मौत के इंतजार के सिवा रास्ता नहीं, लेकिन ऐसे ही वक्त पर Dr. कुमार प्रभाष और Dr. विजय पाटिल ने उनके ‘कार टी सेल थेरेपी’ का भारी लागत वाला विकल्प उनके सामने रखा। पर, उन्होंने यह थेरेपी मुफ्त में करने की पहल की है।
रवि प्रकाश कहते हैं, “मेरे लिए यह रकम इतनी बड़ी है कि शायद मैं मौत को चुनता, इस थेरेपी को नहीं।”
इस थेरेपी से भारत में पहला ट्रांसप्लांट Dr. विजय पाटिल ने ही किया था। रविप्रकाश को यह ट्रांसप्लांटेशन ठाणे (मुंबई) के टाइटन Medicity सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में किया जाएगा। इसके लिए वह 22 जुलाई को मुंबई रवाना होंगे।
दरअसल, रवि प्रकाश कैंसर के खिलाफ हौसले के साथ संघर्ष को लेकर पूरे देश में चर्चित हुए हैं। BBC ने कैंसर से उनके संघर्ष पर कई कड़ियों वाली Documentary प्रसारित की है।
लंग्स कैंसर पर काम करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी संस्था International एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ लंग कैंसर ने उन्हें इस साल के प्रतिष्ठित पेशेंट एडवोकेसी Education अवार्ड के लिए चुना है।
उन्हें सितंबर में सैन डिएगो में होने वाले वर्ल्ड कांफ्रेंस ऑन लंग कैंसर में यह अवार्ड प्रदान किया जाना है।