“Kunal Sharangi: लगाया कि भगवा खेमा एक बहुराष्ट्रीय कंपनी की तरह काम कर रहा है। उसे मुख्यालय के आदेशों का पालन करने के लिए रोबोट की जरूरत है। 7 जुलाई को भाजपा छोड़ने वाले कुणाल ने कहा कि पार्टी को प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं है।
एक न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए कुणाल ने कहा कि अब यह पार्टी विद Difference नहीं रही। पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को मुख्यालय के निर्देशों का पालन करना पड़ता है। बता दें कि बहरागोड़ा से झामुमो के पूर्व विधायक कुणाल 2019 में Vidansabha चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे।
उन्होंने 19 मई को पार्टी प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी नेतृत्व ने उनसे CM हेमंत सोरेन पर व्यक्तिगत हमले करने के लिए कहा था, इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ दी। कहा कि विचारधारा में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मेरा हेमंत सोरेन के साथ कोई व्यक्तिगत मुद्दा नहीं था।
मैं इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकता कि एक राजनेता के रूप में मुझे जो भी पहचान मिली, वह उन्हीं की वजह से है।