रांची: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में सोमवार को सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई।
सुनवाई के बाद अदालत ने जमीन से जुड़े मामले में देवघर उपायुक्त के आदेश पर दर्ज प्राथमिकी की जांच पर रोक लगा दी है। अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
अदालत ने आठ सितंबर तक उनके खिलाफ चल रही जांच पर स्टे का आदेश दिया है। अब इस मामले की सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी।
अनामिका गौतम की तरफ से झारखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता आर एस मजूमदार ने अदालत के समक्ष पक्ष रखा। अ
नामिका गौतम की ओर से इस संबंध में झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दर्ज प्राथमिकी को रद करने की मांग की गई है।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने बताया कि सिविल मामले में उपायुक्त को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देने का अधिकार नहीं है।
इसके अलावा इसी मामले से संबंधित दर्ज प्राथमिक को पूर्व में हाई कोर्ट द्वारा खारिज किया जा चुका है।
इसलिए इस मामले को भी निरस्त किया जाए। इस पर अदालत ने जांच पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया।
उल्लेखनीय है कि गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम के देवघर जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए एलोकेसी धाम की जमीन की खरीद को कपटपूर्ण मानते हुए देवघर के टाउन थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी।
प्राथमिकी के लिए दिए गए आवेदन में क्रेता, विक्रेता और पहचानकर्ता के अलावा गवाहों के ऊपर भी कार्रवाई की मांग की गयी है।
टाउन थाना देवघर ने आईपीसी की धारा 420 , 406 , 467 , 468 471 और 120 (B) तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
इस मामले की जांच का जिम्मा सब इंस्पेक्टर जीशान अख्तर को दिया गया था। वहीं, देवघर डीसी के आदेश के बाद इस जमीन का निबंधन भी रद्द कर दिया गया था।