रांची: स्टेट के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में सस्ती दवा की दुकान दवाई दोस्त को हटने में महज तीन दिन बाकी रह गए हैं।
रिम्स की ओर से 20 अगस्त तक दुकान खाली करने का फरमान सुनाया गया था। अब महज तीन दिनों में ही दवा दोस्त की सेवा बंद हो जाएगी।
इस बीच अब तक मरीजों को सस्ती दवा उपलब्ध कराने की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। इस कारण दूर-दराज से आने वाले गरीब मरीजों की परेशानी बढ़ने वाली है।
क्या है रिम्स का फरमान
बता दें कि रिम्स प्रबंधन ने आदेश जारी करने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि दुकान खाली कराने से पहले मरीजों को जेनरिक दवाएं मिलती रहें, इसकी वैकल्पिक व्यवस्था कर ली जाएगी।
रिम्स निदेशक ने कहा था कि जबतक रिम्स में जन औषधि केंद्र के लिए टेंडर फाइनल नहीं कर लिया जाता, तब तक सदर अस्पताल में जन औषधि केंद्र का संचालन कर रही एजेंसी को ही दवा सप्लाई करने का ऑर्डर दिया गया है।
पर अब तक सप्लाई नहीं हो सकी है। मतलब दवाई दोस्त भी हटानी है और जनऔषधि केंद्र का विकल्प भी तैयार नहीं हो सका है।
दवाई दोस्त को हटाने का हो रहा विरोध
इधर, रिम्स परिसर में मौजूद दवाई दोस्त दुकान को हटाने के लिए लगातार विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है।
दवाई दोस्त प्रबंधन ने कहा है कि रिम्स परिसर से अगर दवाई दोस्त की दुकान को हटा दिया जाता है तो शहर में मौजूद सभी 18 दवाई दोस्त की दुकानें बंद कर दी जाएंगी।
दवाई दोस्त प्रबंधन का कहना है कि रिम्स में गरीब मरीज इलाज कराने आते हैं, उन्हें हम सस्ती और खरीद रेट में दवा उपलब्ध कराते हैं।
दवाई दोस्त में प्रतिदिन दुकान के बाहर लंबी लाइन लगी रहती है।