रांची: प्रदेश कांग्रेस की ओर से स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को रांची में महान स्वतंत्रता सेनानी स्व. अनिरुद्ध महतो के चुटिया स्थित आवास पर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानी अनिरुद्ध महतो की 89 वर्षीय पत्नी मनेर देवी को शॉल, बुके एवं तिरंगा झंडा देकर सम्मानित किया गया।
साथ ही स्वतंत्रता सेनानी स्व. मोतीलाल अमेठिया के पुत्र राकेश सिंह अमेठिया, विमल कुमार दास गुप्ता के पौत्र अनुराग दास गुप्ता, स्वतंत्रता सेनानी गोविंद देव ब्रह्मचारी के पौत्र कुणाल सिंह एवं स्व नागेश्वर प्रसाद के पौत्र रवि दत्त को शाल, तिरंगा झंडा एवं बुके देकर सम्मानित किया गया।
इसके अलावा महान स्वतंत्रता सेनानी मोतीलाल अमेठिया की 90 वर्षीय वयोवृद्ध पत्नी चलने फिरने में असमर्थ सौरभ मंजरी सिंह को लोआडीह स्थित उनके आवास पहुंचकर सम्मानित किया गया तथा स्वतंत्रता संग्राम की कहानी सुनी।
इसके साथ ही अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को भी सम्मानित किया गया।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव, राजेश गुप्ता, राखी कौर, अरविन्द कुमार ने स्वतंत्रता सेनानियों के घर जाकर उन्हें शॉल और बुके देकर सम्मानित किया।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान झारखंड के महान स्वतंत्रता सेनानियों ने बढ़ चढ़कर आंदोलन में हिस्सा लिया।
इन्हीं में से एक थे अनिरुद्ध महतो एवं नागेश्वर प्रसाद। दोनों महान विभूतियों ने स्वतंत्रता आंदोलन में अपना पूरा यौवन देश के लिए न्यौछावर कर दिया।
अंग्रेजी हुकूमत की तमाम बंदिशों के बावजूद उन्होंने अपने दो-तीन साथियों के साथ लोहरदगा के बगड़ू पहाड़ स्थित घने जंगल में प्रेस की स्थापना की।
उस प्रिंटिंग प्रेस का वजन करीब 500 से 600 किलोग्राम का बताया जाता था। वे इस हस्त लिखित प्रिंटिंग प्रेस के माध्यम से लोगों को क्रांति के लिए जागरूक करते थे।
1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के क्रम में इन्होंने अपने युवा साथियों के साथ मिलकर अंग्रेजी शासन के खिलाफ कई प्रदर्शनों में शामिल हुए और इतिहास में काकोरी कांड की जैसी दूसरी घटना को अंजाम देते हुए अंग्रेजी सरकार के खजाने एवं हथियार को लूटने का काम किया।
इस घटना को रांची-डालटनगंज मार्ग पर अंजाम दिया। आजादी के आंदोलन के दौरान नागेश्वर बाबू का एक अंग्रेज अधिकारी के साथ भिड़ंत हो गयी।
इन्होंने उन पर गोली चलायी, वह किसी तरह से बच गया, लेकिन जवाबी कार्रवाई करते हुए अंग्रेज अधिकारी ने भी गोली चलायी, जो उनके पैर में लगी और जीवन पर्यंत फंसी रही।