रांची: प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन (पासवा) के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे के नेतृत्व में तीन सदस्यीय शिष्टमंडल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की।
शिष्टमंडल ने पिछले 16 महीने से बंद पड़े स्कूलों को खोलने के लिए किसी ऐसे मैकेनिज्म पर विचार करने का आग्रह किया, जिससे बच्चों का पठन-पाठन भी शुरू हो सके।
दूबे ने मुख्यमंत्री को बताया कि लंबे समय से स्कूल बंद रहने से घरों में रह रहे बच्चे कुंठित हो रहे है, जबकि मोबाइल और ऑनलाइन माध्यम उनकी अच्छी तरह से पढ़ाई नहीं हो पा रही है।
इसलिए किसी ऐसे मैकेनिज्म पर अब विचार करने का वक्त आ गया है, जिससे फिलहाल कम से कम आठवीं से 12वीं कक्षा तक के स्कूलों का खोला जा सके।
उन्होंने बताया कि देश के कई राज्यों ने इस दिशा में कदम भी उठाना शुरू कर दिया है।
रोटेशन के आधार पर या 50 प्रतिशत अथवा 30 प्रतिशत विद्यार्थियां की उपस्थिति और कोविड-19 को लेकर जारी अन्य गाइडलाइन के अनुरूप स्कूल खोलने पर विचार किया जाना चाहिए।
राज्य में करीब 45 हजार निजी स्कूल संचालित है। कोरोना काल में इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों, कर्मचारियों, बस चालक और खलासी सहित अन्य कर्मियों के समक्ष गंभीर आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी है।
दुबे ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई बाधित होने की बात स्वीकार की। उन्होंने शिक्षा विभाग के सचिव को भी मौके पर बुलाया और इस दिशा में समुचित कदम उठाने का निर्देश दिया।