रांची: रिम्स में आउटसोर्स कंपनी के तहत काम करनेवाली नर्सों को हटा दिया गया है। इससे नाराज नर्सें शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास का घेराव करने जा रही थीं।
आउटसोर्स नर्सों को मोरहाबादी मैदान के पास पुलिस ने रोक दिया है। मौके पर मौजूद नर्स शांति, अनिता, सोनी सहित अन्य ने बताया कि कोरोना के दौरान हम लोगों से सेवा लिया गया है।
अब हमें काम से हटाया जा रहा है। अब तक वेतन का भुगतान भी नहीं किया गया है। हम अपनी समस्याओं को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास रखने के लिए जा रहे हैं, लेकिन पुलिस हमलोगों को जाने नहीं दे रही है।
पुलिस कर्मियों का कहना है कि सभी नर्सें रिम्स से निकलकर मोरहाबादी के रास्ते मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने पहुंची है। हम लोगों ने इन्हें रोका है। इनकी जो मांग है उसे आगे पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना काल के दौरान एनएचएम के सौजन्य से विज्ञापन निकाला गया था। मैन पावर की सप्लाई का जिम्मा टी एंड एम सर्विसेज कंसलटिंग लिमिटेड को दिया गया था।
कंपनी के माध्यम से रिम्स में 749 लोगों को नियुक्त किया गया था। इनमें स्टाफ नर्स (ग्रेड-ए), मल्टी परपस वर्कर, एनस्थीसिया टेक्निशियन, लैब टेक्नीशियन, स्वीपर और सिक्योरिटी गार्ड की नियुक्ति हुई थी।
कार्य आदेश(वर्क आर्डर) में अंकित था कि इन्हें न्यूनतम तीन माह और अधिकतम एक साल तक के लिए काम पर रखा जाएगा।
इनकी सेवा की अवधि 10 अगस्त को खत्म हो रही है। रिम्स चिकित्सा अधीक्षक की ओर से सेवा समाप्ति को लेकर पत्र जारी किया गया है।
इससे नाराज आउट सोर्सिंग कर्मियों ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने का निर्णय लिया था।