Blankets Distributed Among the Poor: राज्य में पड़ रही कड़ाके की ठंड से गरीबों को राहत पहुंचाने के लिए सामाजिक सुरक्षा विभाग ने 30 करोड़ रुपये के कंबल खरीदे हैं। लेकिन इन कंबलों की गुणवत्ता और वजन (Quality and Weight of Blankets) को लेकर गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं।
इस मामले में अब जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय (Saryu Rai) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच की मांग की है।
कंबलों में ऊन की मात्रा केवल 35-40 प्रतिशत
सरयू राय ने बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों से शिकायतें मिली हैं कि कंबल निविदा की शर्तों के अनुरूप नहीं हैं।
निविदा के अनुसार कंबल में 70 प्रतिशत ऊन और 30 प्रतिशत सिंथेटिक धागा होना चाहिए, लेकिन इन कंबलों में ऊन की मात्रा केवल 35-40 प्रतिशत ही है। शेष धागा भी नया पॉलिएस्टर नहीं, बल्कि पुराने कपड़ों का उपयोग कर बनाया गया है।
धुलाई के बाद कंबल का घटा वजन
निविदा शर्तों के अनुसार, हर कंबल का न्यूनतम वजन धुलाई के बाद 2 किलोग्राम होना चाहिए। लेकिन अधिकांश कंबलों का वजन इससे कम पाया गया है।
सरयू राय ने यह भी आरोप लगाया कि आपूर्तिकर्ताओं ने कंबलों की आपूर्ति में हेरफेर किया है। लगभग 10 प्रतिशत कंबल निविदा शर्तों के अनुरूप हैं, जबकि बाकी 90 प्रतिशत घटिया गुणवत्ता के हैं।
इसके अलावा निविदा के अनुसार, कंबल हैंडलूम द्वारा निर्मित होने चाहिए थे, लेकिन अधिकांश कंबल पावरलूम से बने हैं। यह निविदा की शर्तों का सीधा उल्लंघन है।