रांची: नगर निगम की ओर से सेवा सदन एवं अन्य भवनों को तोड़े जाने के मामले में उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने का रांची सांसद संजय सेठ ने स्वागत किया है।
सेठ ने गुरुवार को कहा है कि सेवा सदन कोई व्यवसायिक केंद्र नहीं है। यह उपचार के लिए लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां से लोगों की भावनाएं जुड़ी है।
लाखों लोगों की जिंदगी देने वाला सेवा सदन को तोड़ने पर नगर निगम आमदा था। यह सरकार और प्रशासन की हठधर्मिता है कि वे इसे तोड़ने पर आमादा थे।
सेठ ने कहा कि उच्च न्यायालय ने बहुत सही निर्णय दिया है और जन भावनाओं का ख्याल करते हुए इस पर रोक लगाई है। यह स्वागत योग्य कदम है।
सेठ ने कहा कि मेरा मानना है कि राज्य सरकार और नगर निगम को अपनी हठधर्मिता छोड़कर उच्च न्यायालय के आदेश का अक्षरश: पालन करना चाहिए।
यदि नगर निगम ऐसा नहीं करता है और अपनी हठधर्मिता पर अड़ा रहता है, तो जनता उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने का काम करेगी।
वहीं दूसरी ओर रांची नगर निगम के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि रांची नगर निगम द्वारा नागरमल मोदी सेवा सदन को तोड़ने पर उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाया गया। इसका वह तहे दिल से स्वागत करते हैं।