रांची: पूर्व मंत्री और विधायक सरयू राय ने गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है।
उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में पुलिस विभाग की विशेष शाखा द्वारा अवैध कार्यालय खोलने, उसके संचालन एक निजी व्यक्ति द्वारा करने, निजी व्यक्ति के अधीन झारखण्ड पुलिस के तीन डीएसपी को प्रतिनियुक्त करने तथा इस कार्यालय का इस्तेमाल अवैध सूचनाएं संग्रह करने के संबंध में यह पत्र लिखा है।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि राज्य के आरक्षी महानिदेशक को प्रेषित उनके दो पत्रों में वर्णित सूचनाओं की विस्तृत जाँच झारखण्ड पुलिस की अपराध अनुसंधान शाखा और विशेष शाखा द्वारा की गई है। उनकी सूचनाएं सही पाई गई हैं।
जांच में यह भी सिद्ध हो गया कि अवैध कार्यालय संचालित करने के लिए जिन दो भवनों के आवंटन के लिए विशेष शाखा ने भवन निर्माण विभाग जो अनुरोध पत्र भेजा है जिसमें अंकित है कि इन भवनों को आवंटित करने का अनुरोध तत्कालीन मुख्यमंत्री के निर्देश पर किया जा रहा है।
यह भी साबित हो गया कि झारखण्ड सरकार के पुलिस विभाग के तीन पुलिस उपाधीक्षक दीपक शर्मा, अनिल कुमार सिंह, केके महतो और एक पुलिस निरीक्षक प्रभाष कुमार मिश्रा सहित कई आरक्षी इस अवैध कार्यालय के संचालन के लिए प्रतिनियुक्त किये गये थे।
जांच में यह साबित हो गया कि इस कार्यालय का संचालन बैजनाथ प्रसाद नाम के एक व्यक्ति द्वारा किया जा रहा था, जो सरकारी कर्मी नहीं था।
इसके अधीन संचालित अवैध कार्यालय में झारखण्ड पुलिस के वाहन, फोन टेपिंग उपकरण एवं अन्य संसाधन उपलबध कराया गया था।
यह भी पता चला है कि कोयला का कारोबार करने वाले एक शातिर व्यक्ति को कोतवाली थाना में नियुक्त कर उसकी सेवा इस अवैध कार्यालय के लिये ली जानी थी।
स्पष्ट है कि यह कार्यालय तत्कालीन मुख्यमंत्री की पूर्ण जानकारी में और उनके निर्देश पर खोला गया था। जिसका उद्देश्य गैरकानूनी तरीके से फोन टेपिंग करने एवं अन्य सूचनाएं अवैध तरीके से एकत्र करना था।
उपर्युक्त संदर्भित अपने पत्रों में उन्होंने इस ओर संकेत किया था। सुलभ प्रसंग के लिए तीनों पत्रों की प्रतियाँ संलग्न हैं।
जब जाँच पूरी हो गई है, दोषी चिन्हित हो गए हैं तो इस जघन्य गैरकानूनी कृत्य के लिए उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई का निर्देश सक्षम स्तर से नहीं होना असमंजस में डालने वाला है।
फिलहाल पेसागस के जासूसी उपकरणों के माध्यम से अनेक नामचीन हस्तियों के स्मार्टफोन में घुसकर उनकी जासूसी होने की बात समाचार माध्यमों में एवं देश की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है।
अनुरोध है कि उपर्युक्त विवरण के आलोक में आप अपने स्तर से निर्देश देने की कृपा करेंगे कि अनधिकृत फोन टेपिंग के माध्यम से अवैध सूचना संग्रह करने की पूर्ववर्ती सरकार के प्रयास में शामिल दोषी व्यक्तियों को, चाहे वे सरकार हां या गैर-सरकारी हों, विधि-सम्मत तरीके से दंडित किया जाए, ताकि भविष्य में कोई भी सरकार के पुलिस तंत्र के नाम पर काला धब्बा लगाने वाला कार्य करने की हिम्मत नहीं कर सके।