रांची: राज्य के पूर्व मंत्री और विधायक सरयू राय ने शुक्रवार को झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को पत्र लिखा है। पत्र लिखकर राय ने मुख्य सचिव का ध्यान कई बिंदुओं पर आकृष्ट कराया है।
जिसमें जमशेदपुर एवं इस से सटे स्वर्णरेखा-खरकई नदियों के समीपवर्ती शहरी इलाकों के बड़े भूभाग में बरसात के समय बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में प्रवेश कर जा रहा है। जिस कारण से ये इलाके जलमग्न हो जा रहे हैं।
पत्र में उन्होंने कहा है कि जमशेदपुर में मेरीन ड्राईव, टाॅल ब्रिज एवं सोनारी-कांदरबेड़ा पुल का निर्माण होने के क्रम में नदी क्षेत्र का अतिक्रमण हुआ है।
मानगो, कपाली, आदित्यपुर तथा जुगसलाई क्षेत्र के रिहायशी इलाकों में भी नदी के अतिक्रमण की प्रवृति बढ़ रही है, जिस कारण नदी की चैड़ाई दिन-प्रतिदिन सिमटते जा रही है।
विगत दस-12 वर्षों से खरकई नदी के आदित्यपुर पुल के पास लगे ‘‘गेज स्टेशन’’ के आँकड़ों के अध्ययन से स्पष्ट है कि वर्ष 2008 में जितना पानी किसी खास स्तर पर नदी में बहता था, आज की तिथि में उसका 60 प्रतिशत ही पानी बह पा रहा है।
आदित्यपुर पुल से मानगो पुल के बीच नदी का क्राॅस सेक्शन अतिक्रमण के कारण घटा है, जिसके कारण स्वर्णरेखा और खरकई नदियों की बहाव क्षमता कम हो गई है। पानी का ठहराव होकर बाढ़ की स्थिति बन रही है।
मोहरदा जलापूर्ति परियोजना के लिए निर्मित वियर एवं मानगो पुल के नीचे जमशेदपुर एवं मानगो की ओर से स्वर्णरेखा में मिलने वाले नालों की ट्रेनिंग आवश्यक है।
इसी प्रकार नदियों से विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों के लिए जलापूर्ति के लिए किये गये निर्माणों की समीक्षा भी जरूरी है।
अनुरोध है कि आपके स्तर से एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई जाय, जिसमें जल संसाधन विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग तथा पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसाँवा के उपायुक्त, कोल्हान के आयुक्त, स्वर्णरेखा परियोजना के दोनों प्रमुख अभियंता, मानगो, जमशेदपुर, आदित्यपुर, जुगसलाई, कपाली नगर निकायों के विशेष कार्य पदाधिकारी एवं टाटा स्टील लिमिटेड और जुस्को के प्रतिनिधि भाग लें।
नदी जल प्रबंधन एवं संरक्षण के लिए एक स्थायी समन्वय समिति का गठन किया जाय, ताकि समस्या का सुनियोजित तरीके से निदान हो सके।