Shivraj Singh Chauhan participated in Voter Awareness Program: केंद्रीय सरना समिति ने शुक्रवार को हातमा में मतदाता जागरुकता अभियान (Voter Awareness Campaign) कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय कृषि मंत्री Shivraj Singh Chauhan शामिल हुए।
सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा और मुख्य पहान जगलाल पहान के नेतृत्व में आयोजन हुआ, मंच संचालन संदीप उरांव ने किया। आदिवासी पारंपरिक तरीके से मुख्य अतिथि का स्वागत किया गया। मुख्य पहान जगलाल ने सरना स्थल में पूजा अर्चना करायी।
मौके पर केंद्रीय अध्यक्ष बबलु मुंडा (Bablu Munda) ने कहा कि झारखंड अलग प्रदेश बने 24 वर्ष हो गये। लेकिन आदिवासियों की झारखंड में स्थिति आज भी नहीं सुधरी है। वर्तमान सरकार ने पांच वर्षो में आदिवासियों के लिए कुछ नहीं किया।
उन्होंने कहा कि आदिवासियों का लगातार धर्मांतरण हो रहा है, आदिवासी महिलाएं सुरक्षित नहीं है। आदिवासियों की जमीन लूटी जा रही है। इस दौरान केन्द्रीय सरना समिति ने आदिवासी हित में 9 सूत्री मांग पत्र केंद्रीय कृषि मंत्री को सौंपा।
मौके पर शोभा कच्छप, विश्वास उरांव, अशोक उरांव,सीमा उरांव, जगन्नाथ तिर्की, मेघा उरांव, सीमा मुंडा,रवि मुंडा, दीपक पहान, सुरेश पहान, कुलदीप पहान,राजू पहान,डॉ बुटन महली, सनी उरांव, राजू उरांव, बंधन मुंडा, साजन मुंडा, मनोज भगत, निशा उरांव, सुषमा उरांव, मंजू देवी, करमा तिग्गा, जादो उरांव, अजय भोक्ता, शिवलाल पहान, साइनाथ बेदिया, अशोक मुंडा, मुकेश मुंडा समेत अन्य उपस्थित थे।
ये है नौ सूत्री मांग पत्र
– झारखंड के आदिवासियों के धार्मिक एवं सामाजिक स्थलों जैसे देवी स्थल, बूढ़ा महादेव, सरना, मसना,हड़गड़ी, अखरा,गांव देवती, द्ररह देशवाली, डालीकतारी, पाहनाई, गयाडाड़, जतरा स्थलों को चिन्हित कर अतिक्रमण मुक्त कराकर आदिवासी समाज को सौंपा जाये।
– अपने धार्मिक रीति रिवाज को छोड़ चुके आदिवासी समाज के वैसे लोगों को आदिवासी आरक्षण एवं सामाजिक लाभ से वंचित किया जाये।
– आदिवासी महिलाएं गैर आदिवासी से विवाह करने पर वैसी महिलाओं को कानून बनाकर आदिवासी आरक्षण से वंचित किया जाये।
-गैर आदिवासियों द्वारा आदिवासी समाज के लोगों का धर्म परिवर्तन किया जा रहा है। कानून बनाकर उस पर रोक लगायी जाये।
-झारखंड में आदिवासियों के हित के लिए पांचवी अनुसूची के आधार पर पेशा कानून लागू किया जाये।
-झारखंड प्रदेश के आदिवासियों और मूल वासियो के हित में स्थानीय नीति विस्थापन नीति एवं नियोजन नीति बने।
-CNT और SPT एक्ट को सख्ती से लागू किया जाये।
-आदिवासियों एवं मूलवासियों की अंचल संपत्ति पर बैंकों द्वारा होम ऋण (होम-लोन) शिक्षा ऋण एवं व्यक्तिगत ऋण देने की कानून बनाया जाये।