रांची: झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विसेज एसोसिएशन (जेएसएचएसए) ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।
एसोसिएशन के राज्य सचिव डॉ विमलेश सिंह की ओर से लिखे गया यह पत्र दो अप्रैल को ओपीडी सेवा बाधित रहने के संबंध में है।
पत्र में उन्होंने लिखा है कि राजस्थान के दौसा में नेता, प्रशासन एवं पुलिस के प्रताड़ना से आहत होकर आत्महत्या करने वाली झारखंड की बेटी डॉ अर्चना शर्मा मामले में दोषियों की गिरफ्तारी एवं कठोर सजा मिले।
साथ ही भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो। इसकी मांग करते हुए जेएसएचएसए दो अप्रैल को राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी कार्य बहिष्कार करने का फैसला किया है। इस दौरान आपातकालीन सेवा बाधित नहीं रहेगा।
इसके अलावा दो अप्रैल को चिकित्सकों के संगठन ने 12 घंटे के कार्य बहिष्कार का निर्णय किया है। इस दौरान चिकित्सक सुबह सात से शाम के सात बजे तक कार्य बहिष्कार करेंगे।
इस दौरान इमरजेंसी सेवा को जारी रखा गया है
हालांकि, इस दौरान इमरजेंसी सेवा को जारी रखा गया है। इस संबंध में आईएमए के सचिव डॉ प्रदीप सिंह ने बताया है कि डॉ अर्चना को राजस्थान की पुलिस ने मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है।
इस वजह से उन्होंने खुदकुशी की। उनके परिवार को न्याय और दोषियों को सजा दिलाने की मांग को लेकर हम सभी चिकित्सा संगठनों ने शनिवार को 12 घंटे के लिए कार्य बहिष्कार किया है।
उल्लेखनीय है कि रांची की रहने वाली डॉ अर्चना शर्मा ने 29 मार्च को राजस्थान के दौसा के लालसोट में खुदकुशी कर ली थी।
इसको लेकर गुरुवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए), जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जेडीए) और तमाम चिकित्सा संगठनों ने रिम्स में आक्रोश मार्च निकाला था।