रांची: हजारीबाग जिले के बड़कागांव गोलीकांड मामले में गुरुवार को रांची व्यवहार न्यायालय ने फैसला सुना दिया।
फैसला सुनाये जाने के बाद पूर्व मंत्री योगेन्द्र साव और निर्मला देवी की बेटी एवं बड़कागांव से कांग्रेस की वर्तमान विधायक अंबा प्रसाद ने कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगी।
उन्होंने कहा कि दोनों को साजिश के तहत फंसाया गया। कंपनियों की ओर से जमीनों की लूट के खिलाफ आवाज उठाने की सजा मिली है।
सुनवाई के दौरान विधायक अंबा प्रसाद ने कोर्ट से अपील की कि उनके माता-पिता को कम से कम सजा दी जाए।
विधायक ने यह भी कहा कि योगेंद्र साव एवं निर्मला देवी अपने स्वार्थ को लेकर आंदोलन नहीं कर रहे थे। वो लोग जनप्रतिनिधि होने के नाते जनता की आवाज बुलंद कर रहे थे।
पूर्व के भाजपा सरकार के मुखिया के इशारे पर अधिकारियों ने पूरी तरीके से माता पिता को फंसाया। यह भी कहा कि हुजूर अगर इसी तरह जनप्रतिनिधि को टारगेट किया जाएगा तो कोई भी जनप्रतिनिधि जनता की आवाज बनने से पहले सौ बार सोचेंगे।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पेश हुए योगेंद्र साव ने भी अदालत से कुछ कहने की छूट देने की अपील की। इस पर अदालत ने उन्हें बोलने का अवसर प्रदान किया।
योगेंद्र साव ने कहा कि सोची समझी साजिश के तहत उसे फंसाया है। यह भी कहा कि अधिकारियों ने सुनवाई के दौरान एक गवाही नहीं कराई।
इससे पहले अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने 22 मार्च को दोनों को दोषी करार दिया था।
अदालत ने साक्ष्य के अभाव में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के बेटा अंकित को बरी कर दिया था। इस मामले में निर्मला देवी और योगेंद्र साव जेल में हैं।
गुरूवार को दोनों को रांची व्यवहार न्यायालय ने 10 साल की सजा सुनाई है। लंबी सुनवाई के बाद अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग सजा सुनाई गई है। जुर्माना भी लगाया गया है।