रांची: सीटू के महासचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और श्रमिक फेडरेशनों के आह्वान पर पहले दिन सोमवार को झारखंड में देशव्यापी हड़ताल सफल रही।
उन्होंने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय संपदा का मेगासेल लगाने, मजदूर विरोधी चार लेबर कोड लाने और निजीकरण के खिलाफ आयोजित दो दिन की देशव्यापी हड़ताल के पहले दिन सोमवार को झारखंड में विभिन्न उद्योगों, प्रतिष्ठानों और वित्तीय संस्थानों में हड़ताल का व्यापक असर रहा।
कोल इंडिया की झारखंड में स्थित तीन कंपनियों सीसीएल, बीसीसीएल और ईसीएल में कोयला का उत्पादन और ट्रांसपोर्टेशन लगभग बंद रहा।
कोल इंडिया की ही अनुषंगी कंपनी सीएमपीडीआई में सौ प्रतिशत हड़ताल रही। बोकारो इस्पात संयंत्र में 80 प्रतिशत ठेका कामगार हड़ताल पर रहे।
तांबा, बाक्साइट और माइका उद्योग में हड़ताल का व्यापक असर रहा। राज्य के बैंकों, बीमा सेक्टर और डाकघरों में हड़ताल के चलते कोई काम काज नहीं हुआ। पावर सेक्टर में केवल दामोदर घाटी निगम में हड़ताल रही।
रास्ता रोक रहे किसानों को गिरफ्तार भी किया गया
इसी तरह निर्माण और परिवहन सेक्टर जहां अधिकांश असंगठित क्षेत्र के मजदूर काम करते हैं वहां 80 प्रतिशत हड़ताल रही। पत्थर और बीडी सेक्टर में हड़ताल रही।
झारखंड के तीस हजार सेल्स प्रमोशन इंप्लाइज हड़ताल पर रहे। मैरी गोल्ड रेलवे जिससे ललमटिया से एनटीपीसी के कहलगांव और फरक्का थर्मल पावर को कोयले की आपूर्ति होती है वहां गैंग मैनों की हड़ताल के चलते डिस्पैच का काम पूरी तरह बंद रहा।
झारखंड के दो लाख स्कीम वर्कर इनमें आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका, सहिया, मध्याह्न भोजन के कामगारों सहित मनरेगा मजदूर हड़ताल पर रहे। राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों की हड़ताल में आंशिक भागीदारी रही।
राज्य के किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कई जगह राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरना देकर आवागमन को कई घंटे तक ठप रखा।
कई स्थानों पर रास्ता रोक रहे किसानों को गिरफ्तार भी किया गया। राजधानी रांची में मजदूरों, कर्मचारियों का एक जुलूस सैनिक बाजार से निकाला गया, जो महात्मा गांधी मार्ग (मेन रोड) से गुजर कर अल्बर्ट एक्का चौक पहुंचा।