रांची: भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि एकात्मा और समरस समाज के पैरोकार भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर एक सच्चे देशभक्त थे।
अच्छी पढ़ाई और अच्छा पेमेंट होने के बावजूद उन्होंने विदेश में नौकरी नहीं करने का निर्णय लिया एवं आजादी की लड़ाई में कूद पड़े।
दास गुरुवार को रांची में डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब दलित, शोषित, उपेक्षितों की आवाज बने। उन्हें जगाकर उनको संगठित किया और सभी को शिक्षा का महत्व समझाया।
उनके जीवन-दर्शन से विश्व को परिचित कराया
उनका कहना था कि प्रगति करना है तो शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो। उनका मानना था कि समाज में ऊंच-नीच नहीं होनी चाहिए।
दास ने कहा कि कांग्रेस ने डॉ अंबेडकर की सदैव उपेक्षा की। कांग्रेस ने देश के दो महामानव डॉ अंबेडकर और सरदार पटेल को कभी उनके कद के हिसाब से सम्मान नहीं दिया।
भाजपा की सरकार आने के बाद श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई ने आजादी के 60 वर्षों के बाद बाबा साहब को भारत रत्न से सम्मानित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता संभालने के बाद शोषित और वंचितों के उत्थान के लिए कई कार्य किए हैं।
यह सच्चे अर्थों में बाबा साहब को सच्ची श्रद्धांजलि है। मोदी जी ने डॉ अंबेडकर के पंच तीर्थ का जीर्णोद्धार कर उनके जीवन-दर्शन से विश्व को परिचित कराया।