रांची: झारखंड विधानसभा में सोमवार को भोजनावकाश के बाद खान एवं भूतत्व विभाग, श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग, उत्पाद एवं मध्य निषेध और उद्योग विभाग के अनुदान मांगों पर चर्चा हुई।
चर्चा के बाद भाजपा विधायकों के बहिगर्मन के बीच पांच अरब 90 करोड़ 70 लाख 33 हजार का अनुदान मांग पारित हो गया।
इससे पूर्व चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा विधायक अनंत ओझा ने श्रम विभाग की अनुदान मांग पर कटौती प्रस्ताव रखते हुए कहा कि हर वर्ष पांच लाख युवाओं को रोजगार देने के वादे के साथ सत्ता में आयी सरकार को राज्य के युवाओं को रोजगार नहीं देना है।
इसलिए सरकार के स्तर पर प्रपंच रचा जा रहा है। राज्य की बेरोजगारी दर 17.3 प्रतिशत है। रोजगार सृजन पर कोई काम नहीं हो रहा है। इस सरकार के पास न नीति है, न नीयत है और न ही नियोजन है।
उन्होंने कहा कि भाषा विवाद के माध्यम से सरकार राज्य में विभाजनकारी नीति अपना रही है। सरकार बताये कि 26 महीने में कितने युवाओं को रोजगार दिया।
यदि रोजगार नहीं दे सके तो कितने युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है। निबंधित बेरोजगारों की संख्या सात लाख नौ हजार है।
इससे कहीं ज्यादा संख्या बिना निबंधित बेरोजगारों की है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने भाषण में यह दम्भ भरती है कि कोरोना काल मे प्रवासी मजदूरों को वापस लाने में झारखंड देश में अव्वल था, लेकिन केरल में अब भी 81 मजदूर जेल में बंद हैं।
बीड़ी मजदूरों को सही पारिश्रमिक नहीं मिल रहा है। सरकार ने 100 यूनिट बिजली फ्री देने का वादा किया था अबतक शुरू नहीं हुआ।
विधायक ढुल्लू महतो ने कहा कि जल, जंगल और जमीन का नारा देनेवालों की सरकार में ही धड़ल्ले से जल, जंगल जमीन की लूट हो रही है।
लाठी-बंदूक के बल पर राज्य में जमीन की लूट हो रही है। इसके खिलाफ हम आवाज उठाते हैं तो झूठा मुकदमा कर जेल भेज दिया जाता है।
राज्य में पुलिस के संरक्षण में कोयले की लूट हो रही है। धनबाद में सैकड़ों गांव विस्थापित हुए लेकिन किसी भी विस्थापित व्यक्ति को प्रमाण पत्र नहीं दिया गया।