रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 11वें दिन सोमवार को संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने सदन में बताया कि राज्य में तीन वर्षों के दौरान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने विभिन्न विभागों में कार्यरत 177 कांड दर्ज कर लोक सेवकों को घूस लेते गिरफ्तार किया है।
इनमें से दो कांडों को छोड़ शेष सभी कांडों में 60 दिनों के अंदर हाई कोर्ट में आरोप पत्र समर्पित कर दिया गया।
भाजपा विधायक अमित कुमार मंडल के एक अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि एसीबी द्वारा पकड़े गये सरकारी सेवक को न्यायालय द्वारा जमानत मिलने के बाद उनके द्वारा विभाग-कार्यालय में योगदान देने के उपरांत झारखंड सरकारी सेवक वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील नियमावली 2016 के नियम 9 (3) (1) के तहत योगदान स्वीकृत किया जाता है।
इसके बाद उक्त नियमावली के नियम 9 (1) (क) (ग) के तहत निर्णय लेते हुए योगदान की तिथि से पुनः निलंबित किये जाने का प्रावधान है।
आलमगीर आलम ने बताया कि एसीबी ने वर्ष 2019 में 66 ट्रैप कांड को अंजाम दिया। इसमें सभी मामले निष्पादित हो गये।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में 57 कांड ट्रैप हो गए, सभी मामले निष्पादित हो गये। वर्ष 2021 में 49 कांड दर्ज हुए, इसमें सभी मामले निष्पादित हो गये।
जनवरी 2022 तक पांच कांड दर्ज किये गये। इनमें तीन मामले निष्पादित हो गये और दो मामले अनुसंधान अंतर्गत हैं।
इस तरह से कुल 177 मामले में से 175 मामले निष्पादित हो गये है और दो कांड लंबित हैं। इसपर लगातार एसीबी काम कर रही है।