रांची: राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि जीवन में कुछ पाने के लिए हमेशा मन में सीखने की इच्छा और लालसा रखनी चाहिए।
आप अपने ज्ञान एवं विवेक का उपयोग करते हुए सदा अपने कर्मों से स्वयं का, अपने समाज, अपने शिक्षण संस्थान के साथ राज्य व राष्ट्र का नाम रौशन करें।
राज्यपाल सोमवार को झारखंड राय विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह के अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि आप विद्यार्थियों पर एक बड़ी सामाजिक जिम्मेदारी भी है। आपको सामाजिक मुद्दों को विवेकपूर्ण तरीके से देखने की जरूरत है।
हमने अपने देश में उच्च शिक्षा के दायरे का काफी विस्तार किया है और आज हमारे शिक्षण संस्थानों में पहले से कहीं अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं।
लेकिन हमें जिस बात पर अब भी ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, वह है शिक्षा की गुणवत्ता और यह सुनिश्चित करना कि हम अपने युवाओं के लिए सर्वोत्तम संभव शिक्षा प्रदान करायें।
मजबूत नैतिक दृष्टिकोण वाला व्यक्ति अडिग रहेगा और सत्यनिष्ठा के साथ समझौता नहीं करेगा
उन्होंने कहा कि हमारा दायित्व सिर्फ विद्यार्थियों को किताबों तक सीमित रखना, उन्हें स्वर्ण पदक देना, डिग्रियां बांटना तक ही सीमित नहीं होना चाहिये, बल्कि उनमें चेतना जागृत कर उनमें जीवन में बेहतर करने की भूख जगाना, उनकी प्रतिभा को उभारना, उनमें आत्मनिर्भरता पैदा करना और उन्हें एक सम्पूर्ण व्यक्तित्व देना होना चाहिये।
यह बहुत ही सुखद बात है कि आज हमारी बेटियां शिक्षा के प्रति काफी जागरूक हैं और काफी अच्छा भी कर रही हैं।
कहा जाता है कि एक बेटी पढ़ती है तो वह पूरे परिवार एवं समाज को शिक्षित करती है। अगर समाज शिक्षित हो जाएगा तो बाल विवाह, दहेज-प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयां अपने-आप ही समाप्त हो जायेगी।
विद्यार्थियों के सामने उनका सुनहरा भविष्य प्रतीक्षा कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह क्षण विद्यार्थियों के लिए अपनी सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करने के साथ आगामी जीवन सफर तय करने की दिशा में एक नया कदम भरने का रोमांच एवं नये दायित्वों को भी निभाने को प्रेरित करता है। अब आपको जीवन में अपना मार्ग स्वयं ढूंढना हो और बनाना है।
शिक्षा को वर्तमान और भावी चुनौतियों का सामना करने के लिए विद्यार्थियों को ज्ञान एवं कौशल से युक्त करने के साथ उनमें मानवीय मूल्यों, नैतिकता को भी बढ़ावा देना चाहिए। एक मजबूत नैतिक दृष्टिकोण वाला व्यक्ति अडिग रहेगा और सत्यनिष्ठा के साथ समझौता नहीं करेगा।