रांची: झारखंड में पंचायत चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है। 25 मार्च तक झारखंड विधानसभा का बजट सत्र है।
इसके बाद पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी जायेगी। चुनाव की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जायेगा।
कोरोना के प्रकोप के कारण पंचायती राज संस्थाओं को दो बार अवधि विस्तार दिया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि 24 फरवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई थी, इसमें झारखंड में पंचायत चुनाव कराने पर सहमति बनी थी।
तय हुआ था कि मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं संपन्न होने के बाद राज्य में पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। कहा गया था कि चुनाव से एक माह पूर्व सरकार तारीखों का ऐलान भी कर देगी।
इस संबंध में राज्य के पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम का कहना है कि पंचायत चुनाव से एक महीने पहले तारीखों की घोषणा कर दी जायेगी।
चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इतना ही नहीं, चुनाव आयोग द्वारा कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
चार चरणों में होंगे चुनाव
कैबिनेट के फैसले के अनुसार झारखंड में चार चरणों में पंचायत चुनाव कराने की तैयारी है। इसकी रूपरेखा बनकर तैयार है।
चुनाव ईवीएम की जगह बैलेट से कराये जायेंगे। इसलिए यूपी से बैलेट बॉक्स मंगाये गये हैं। इनकी डेंटिंग-पेंटिंग भी शुरू हो गई है।
दो बार मिल चुका है विस्तार
पंचायती राज संस्थाओं का चुनाव वर्ष 2015 में हुआ था। पांच वर्षों का कार्यकाल पूरा होने के बाद कोरोना संक्रमण के कारण दिसंबर 2020 में पंचायत चुनाव नहीं हो सके और पंचायती संस्थाएं विघटित हो गयीं।
दूसरी ओर सरकार द्वारा सात जनवरी 2021 को अधिसूचना जारी कर छह माह तक के लिए कार्यकारी संस्थाओं का गठन किया गया।
कोरोना संक्रमण के कारण पंचायत चुनाव इस दौरान भी नहीं हो सके। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार द्वारा राज्यपाल की स्वीकृति से दोबारा इसका विस्तार किया गया।
गांव से शहर तक लोग प्रतीक्षारत
झारखंड पंचायत चुनाव 2022 को लेकर गांव से शहर तक लोग प्रतीक्षारत हैं। पंचायती राज से जुड़े लोग चाहते हैं कि किसी तरह से जल्द चुनाव हो जाए।
गांवों में सरकार गठित हो जाए। राज्य सरकार भी चाहती है कि जल्द से जल्द चुनाव करा लिए जाएं। क्योंकि, केंद्र सरकार से मिलने वाला अनुदान चुनाव नहीं होने के कारण ही बंद है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बीते दिनों यह जानकारी झारखंड विधानसभा में साझा कर चुके हैं। सदन में भी कई विधायक पंचायत चुनाव को लेकर सवाल भी उठा चुके हैं।
बिना ओबीसी आरक्षण के ही सरकार कराएगी पंचायत चुनाव
हेमंत सोरेन सरकार चाहती थी कि पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू कर दिया जाए लेकिन अभी ऐसा नहीं कर सकी है। इस काम में अभी विलंब होने की संभावना है।
ऐसे में सरकार ने तय किया है कि बिना आरक्षण लागू किए ही पंचायत चुनाव संपन्न करा लिया जाए। सरकार की असली चिंता केंद्रीय मदद ठप होने को लेकर है।
अगर चुनाव यूं ही टलता रहा तो केंद्रीय अनुदान की क्षति हो सकती है। इसलिए राज्य सरकार अब कोई भी रिस्क लेने के लिए तैयार नहीं है।
राजनीतिक दलों की तैयारी शुरू
जानकारों का कहना है कि झारखंड में पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होंगे लेकिन सच तो यह है कि झामुमो, कांग्रेस, भाजपा, आजसू जैसी पार्टियां योजनाबद्ध तरीके से अपने कार्यकर्ताओं को हर क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतार कर अपनी पकड़ मजबूत बनाने की तैयारी कोशिश कर चुके हैं। ऐसा पूर्व के चुनाव में भी होता रहा है।