रांची: प्रकृति पर्व सरहुल को लेकर शुक्रवार को उपायुक्त छवि रंजन ने सरना समिति के सदस्यों के साथ बैठक की ।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि विधि व्यवस्था के मामले में रांची ने निराश नहीं किया। इस बार भी हमें उम्मीद है कि सौहार्दपूर्ण वातावरण में सरहुल का त्यौहार मनाया जायेगा।
राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देर्शों में छूट दिये जाने की बात पर उपायुक्त ने कहा कि आपकी भावनाओं से आला अधिकारियों को अवगत कराया जायेगा।
प्रकृति से जुड़ाव कल भी जरुरी था
उपायुक्त ने कहा कि कहा कि बच्चे और 60 साल से उपर के बुजुर्ग जुलूस में शामिल न हो इस पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसा करें कि देश दुनिया में सकारात्मक संदेश जाये।
उपायुक्त ने कहा कि सरहुल के दौरान बेहतर व्यवस्था को लेकर जो भी बातें कही है उससे नोट कर लिया है। जिला प्रशासन हर संभव सहयोग के लिए तैयार है।
उन्होंने सभी बीडीओ एवं सीओ को संबंधित थाना प्रभारी के साथ सरना समिति के प्रबुद्ध लोगों को बुलाकर बैठक करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कहीं भी विधि व्यवस्था में व्यवधान से संबंधित सूचना मिले तो वरीय पदाधिकारियों को सूचना दें।
मौके पर वरीय पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र झा ने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में विधि व्यवस्था दुरुस्त रहेगी। पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की जायेगी।
उन्होंने कहा कि प्रकृति से जुड़ाव कल भी जरुरी था, आज भी है और आने वाले समय में और भी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
मामलों पर उचित व्यवस्था करने की बात कही गयी
साइंस टेक्नॉलॉजी से सुविधाएं बढ़ सकती है लेकिन मानव का अस्तित्व प्रकृति से ही जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों से सीख लेते हुए सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का अनुपालन आवश्यक है।
बैठक में राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स का अनुपालन करते हुए सौहार्दपूर्ण वातावरण में सरहुल मनाने की बात कही गयी।
बैठक में एसडीओ दीपक दुबे के द्वारा राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स की जानकारी दी गयी। गा
इडलाइन्स के अनुसार शोभायात्रा में श्रद्धालुओं के 100-100 की संख्या में निकलने, शाम छह बजे तक धार्मिक जुलूस को खत्म करने की जानकारी दी गयी। समिति के सदस्यों के बताया गया कि जहां पर सभी ग्रुप का मिलान होगा।
वहां श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या एक हज़ार से अधिक नहीं होनी चाहिये। बैठक के दौरान सरना समिति के सदस्यों ने अपनी-अपनी बाते भी रखी।
विधि व्यवस्था को लेकर सदस्यों द्वारा प्रकाश में लाये गये मामलों पर उचित व्यवस्था करने की बात कही गयी।