रांची: राजधानी रांची रेलवे स्टेशन आने वाले दिनों में एयरपोर्ट की तरह नजर आएगा। रांची रेलवे स्टेशन पर एयरपोर्ट की तरह वर्ल्ड क्लास सुविधाएं यात्रियों को मिलेंगी। इस दिशा में रेलवे ने कवायद शुरू कर दी है।
इस संबंध में रांची रेल मंडल के डीआरएम प्रदीप गुप्ता ने बताया कि रांची रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर दक्षिण पूर्व रेलवे मुख्यालय को भेज दिया गया है।
जब यह बनकर तैयार होगा तो राजधानी रांची की खूबसूरती देखते बनेगी। ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को एयरपोर्ट की तरह यहां हर प्रकार की सेवाएं मिलेंगी।
डीआरएम ने बताया कि इस रेलवे स्टेशन को विकसित करने के लिए जो ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है, वह एक तरह से मध्यप्रदेश के भोपाल शहर स्थित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (हबीबगंज) की तरह है।
भारत में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन इस समय सबसे आधुनिक है। ठीक उसी तरह रांची रेलवे स्टेशन को भी वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस करने की योजना है।
इसके लिए कुल 210 करोड़ का बजट बनाया गया है। इसका नक्शा भी तैयार कर लिया गया है। दूर से यह एयरपोर्ट की तरह नजर आएगा। इसमें प्रवेश करते ही आप एयरपोर्ट में होने का एहसास करेंगे।
दक्षिण पूर्व रेल मुख्यालय की हरी झंडी का इंतजार
प्रस्तावित नक्शा के अनुसार, रांची रेलवे स्टेशन को नया रूप देने के लिए बड़े पैमाने पर इमारतों को तोड़ने की योजना है।
दक्षिण पूर्व रेलवे मुख्यालय जैसे ही इस प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाएगा, इस दिशा में तेजी से काम शुरू कर दिया जाएगा।
रांची रेल मंडल के डीआरएम की मानें तो मुख्यालय से इस पर सहमति मिलने की भरपूर उम्मीद है।
भविष्य में यहां बढ़ने वाले रेल यात्रियों की संख्या के मद्देनजर यह कवायद की जा रही है। रांची रेल मंडल के पास यह चुनौती होगी कि समय पर निर्माण कार्य पूरा हो जाए।
वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाने की चल रही कवायद
रांची रेल मंडल द्वारा तैयार प्रोजेक्ट में बताया गया है कि वर्ष 2060 में यहां उमड़ने वाले यात्रियों की अनुमानित संख्या को ध्यान में रखकर इसे तैयार किया गया है।
वर्ष 2060 में यहां पर हर दिन 138350 रेलवे यात्रियों के पहुंचने का अनुमान है। इसी तरह यह संख्या वर्ष 2030 में बढ़कर 54723 होने की उम्मीद जताई गई है।
वहीं, वर्ष 2040 तक यह संख्या बढ़कर 74548 तक पहुंच जाएगी। वर्ष 2050 तक यात्रियों की यह संख्या बढ़कर 101557 तक पहुंच जाएगी।
आर्थिक वर्ष 2019-2020 के आंकड़ों को आधार मानकर यह गणना की गई है। इस वित्तीय वर्ष में झारखंड के इस रेलवे स्टेशन पर हर दिन औसतन 38946 यात्री ट्रेनों से सफर करने के लिए पहुंचते हैं।
तीन-तीन फ्लोर के बनाए जाएंगे भवन
एयरपोर्ट की तरह विकसित होने वाले इस रेलवे स्टेशन के उत्तर और दक्षिण दिशा में क्रमश: तीन-तीन फ्लोर वाले भवन बनाने की योजना है।
इस भवन के ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर पर रेल यात्रियों के लिए रेस्टोरेंट, प्रतीक्षालय व दुकान तथा वीआईपी लाउंज, लिफ्ट, एक्सक्लेटर, रैंप, कॉनकोर्स एरिया में बैठने आदि की व्यवस्था होगी। इसी तरह दूसरे फ्लोर पर रेलवे संबंधित विभिन्न विभागों के कार्यालय मौजूद रहेंगे।
यह कार्यालय भी आधुनिक नजर आएंगे। इसे भी विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। सभी कार्यालय पूर्ण एसी और सोलर लाइट युक्त होंगे।
प्रत्येक भवन में चार प्रवेश और निकास द्वार होंगे। उत्तर दिशा में मल्टी लेवल कार पार्किंग और अंडर ग्राउंड कार पार्किंग की भी व्यवस्था रहेगी। स्टेशन के दक्षिण ओर में सामान्य वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था प्रोजेक्ट में की गई है।
रेल यात्रियों के लिए होंगे दो तरह के रास्ते
इस प्रोजेक्ट के अनुसार यात्री जब प्लेटफार्म पर ट्रेन से उतरेंगे तो उनके लिए अगल रास्ता होगा, जिससे वह बाहर निकल पाएंगे।
इसी तरह अगर कोई प्लेटफार्म पर प्रवेश करता है तो उसके लिए अलग रास्ता होगा। यह कवायद इसलिए की गई है क्योंकि भीड़ नियंत्रित हो सके।
यात्रियों को धक्का-मुक्की की नौबत न आए। सभ्य तरीके से यात्री निकलते और प्रवेश करते नजर आएं। इस प्रोजेक्ट में पटेल चौक के पास लोहरदगा ट्रेन के लिए अलग से एंट्री प्वाइंट बनाने का सुझाव दिया गया है।