रांची: राजधानी रांची सहित पूरे राज्य में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है।
इससे राजधानी रांची के कई गली मोहल्लों में पानी जमा हो गया है और लोगों को काफी समस्याएं हो रही हैं।
बारिश से कांची नदी पर बना सोनाहातू, बुढाडीह-हाराडीह को जोड़ने वाला हाराडीह उच्च स्तरीय पुल एक बार फिर से पूरी तरह से गिर गया है।
तमाड़ प्रखंड से बुंडू और सोनाहातू प्रखंड का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। पूर्व में पुल का पाया दबने से काफी हो हंगामा हुआ था।
ठेकेदार द्वारा पुल की मरम्मत करने की बात कही गई थी लेकिन मरम्मत से पहले ही यह पुल एक बार फिर से गिर गया।
लगातार हो रही बारिश से राजधानी के अपर बाजार, गितिल कोचा, कोकर आदि जगहों पर पानी जमा हो गया।
उल्लेखनीय है कि यह पुल का पाया कुछ दिन पहले दब जाने के कारण टेढ़ा हो गया था, जिस वजह से लोगों को आने जाने में काफी परेशानी हो रही थी।
इसी क्रम में उक्त पुल की पूरी एक स्पेन ढलाई फिर से पूरी तरह से गिर गया।
बता दें कि पुल सरायकेला-खरसावां जिला को जोड़ते हुए पश्चिम बंगाल के बीच के रास्ते काे सीधा संपर्क बनाता था।
कांची नदी पर बना पुल रांची जिला का सबसे लंबा पुल था। यह पुल बुंडू, तमाड़, सोनाहातू और राहे प्रखंड को जोड़ती है।
इस पुल का निर्माण लगभग 10 करोड़ की लागत से किया गया है।
14 करोड़ की लागत से ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 2014-15 में पुल का निर्माण शुरू हुआ था
स्थानीय विधायक विकास कुमार मुंडा ने मुख्यमंत्री से बात कर पुल गिरने की उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी।
उस समय विशेषज्ञों ने कहा था कि पुल गिरने के दो कारण हो सकते हैं अत्यधिक बालू का खनन और निर्माण कार्य में अनियमितता।
बहरहाल बुधवार को पुल का दो स्पेन पूरी तरह जमींदोज हो गया।
14 करोड़ की लागत से ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 2014-15 में पुल का निर्माण शुरू हुआ था। 2018 में पुल निर्माण पूरा हुआ था।
हालांकि एप्रोच सड़क नहीं होने से पुल पर आवाजाही कम थी।
27 मई को पुल धंसने के बाद 28 मई को अधीक्षण अभियंता रामाकांत तिवारी और कार्यपालक अभियंता बृजेश कुमार वर्मा की टीम के साथ सीआईडी के इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार पुल की जांच करने पहुंचे थे।