रांची: सेंटर ऑफ ट्रेड यूनियन (CITU) की जनरल काउंसिल की तीन दिवसीय बैठक मंगलवार से शुरू हुई। बैठक का समापन 18 नवंबर को होगा। कार्यक्रम का आयोजन हैदराबाद में किया गया है, जिसमें झारखंड राज्य के सीटू जनरल काउंसिल सदस्य शामिल हुए।
कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष के. हेमलता ने किसान संघर्ष और मजदूर आंदोलन की चर्चा की। हेमलता ने उम्मीद जतायी कि जिस प्रकार कोरोना महामारी की त्रासदी में सीटू ने किसानों के लिए मोर्चा संभाला, उसी तरह आने वाले समय में भी सीटू डटा रहेगा।
इस दौरान निर्णय किया गया कि 26 नवंबर को देशभर में विरोध प्रदर्शन किये जायेंगे। प्रदर्शन सभी जिलों से लेकर प्रखंड स्तर पर होंगे।
सीटू के राष्ट्रीय महासचिव तपन सेन ने कहा कि कोरोना के बाद देश के मजदूर वर्ग ने करोड़ों की संख्या में अपना रोजगार खोया है। महंगाई की मार ने उनके जीवन और जीविका को कठिनाइयों के दलदल में ढकेल दिया है।
महामारी को अवसर के रूप में इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने देश की राष्ट्रीय संपदा का मेगा सेल लगाकर राष्ट्रीय संप्रभुता और राष्ट्रीय सम्मान को बेचने का काम कर रही है। सरकार के इन राष्ट्र विरोधी साजिशों को परास्त करना मजदूर वर्ग का प्राथमिक कार्य है।
झारखंड राज्य सीटू महासचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि इस दौरान किसान और तीन कृषि कानून के खिलाफ 26 नवंबर को पूरे देश में व्यापक जन आंदोलन का आह्वान किया गया है। राज्य कमेटी की ओर से आंदोलन को सफल बनाने की तैयारी की जायेगी।