रांची: रिश्वत के एक मामले में ACB कोर्ट ने गुरुवार को गुमला के घाघरा प्रखंड के कनीय अभियंता राजेंद्र प्रसाद को दो साल कैद की सजा सुनाई है।
साथ ही उन पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना राशि नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
मामले को लेकर निगरानी थाना में 22 जनवरी 2002 को कांड संख्या 7/2002 दर्ज की गई थी।
मामले में अभियोजन की ओर से 14 गवाही कराई गई
अभियुक्त राजेंद्र प्रसाद द्वारा जवाहर समृद्धि योजना (Jawahar Samridhi Yojana) के तहत मिट्टी और मोरम से सड़क निर्माण करने का ठेका सुनील कुमार को दिए जाने के बदले उससे लागत राशि का 10 प्रतिशत रिश्वत की मांग की गई थी।
ACB की टीम ने राजेंद्र प्रसाद को 5000 रुपये रिश्वत लेते 22 जनवरी 2002 को गिरफ्तार किया था। रिश्वत मांगे जाने की शिकायत सुनील कुमार ने निगरानी ब्यूरो में की थी।
मामले में अभियोजन की ओर से 14 गवाही कराई गई। ACB की ओर से विशेष लोक अभियोजक एके गुप्ता ने पैरवी की।