जमशेदपुर: झारखंड में स्वास्थ्य सुिवधाओं का क्या हाल है, इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है।
जब इंजेक्शन नहीं होने के कारण मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं लिया गया और 48 घंटे से तड़प रहे मरीज ने आख़िरकार दम तोड़ दिया।
ऐसा नहीं है की मरीज के पिरजनों ने दौड़-धूप नहीं की. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के कार्यालय से लेकर सरायकेला-खरसावां के प्रभारी सिविल सर्जन (सीएस) बी. मार्डी से भी संपर्क किया, लेकिन कोई मदद को आगे नहीं आया।
अंतत: आदित्यपुर निवासी 34 वर्षीय मरीज की मौत मंगलवार की रात हो गई।
क्या है मामला
मृतक के मामा ने बताया कि भगीना को पहले कोरोना हुआ था।
इसके बाद उसे कांतीलाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां पर स्थिति ठीक हुई तो वापस घर भेज दिया गया।
उसके कुछ दिन के बाद उसकी स्थिति फिर से बिगड़ने लगी।
इसी दौरान उसे देखने में भी परेशानी होने लगी। उसे इंजेक्शन जमशेदपुर सहित पूरे झारखंड में नहीं मिली।
टीएमएच में दो बार मरीज को भर्ती कराने के लिए ले जाया गया लेकिन, इंजेक्शन नहीं होने की बात कहते हुए उसे लौटा दिया गया। इसके बाद मरीज के स्वजन उसे वापस घर लेकर चले गए।