Ramnivas Yadaw : झारखंड हाईकोर्ट ने Sahibganj जिले के उपायुक्त (DC) द्वारा पत्थर खनन लीज रद्द करने के फैसले को गलत ठहराते हुए उन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यह आदेश Chief Justice एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान दिया।
क्या है मामला?
साहिबगंज में एक कंपनी को पत्थर खनन का लीज मिला था, जिसे उपायुक्त द्वारा बिना किसी Notice या सूचना के रद्द कर दिया गया। कंपनी के मालिक Prakash Yadav उर्फ मुंगेरी यादव ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी।
अदालत का फैसला
हाईकोर्ट ने उपायुक्त के आदेश को निरस्त कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि खनन लीज रद्द करने का अधिकार उपायुक्त के पास नहीं, बल्कि राज्य सरकार के पास है।
उपायुक्त ने बिना सुनवाई का मौका दिए खनन लीज रद्द किया, जो न्याय के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन है।
उपायुक्त पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया, जिसे याचिकाकर्ता को देने का निर्देश दिया गया।
क्या कहा याचिकाकर्ता के वकील ने?
याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत पल्लव और पार्थ जालान ने अदालत में दलील दी कि लघु खनिज नियमावली के तहत उपायुक्त को यह अधिकार नहीं था।
उपायुक्त ने रॉयल्टी न देने जैसे आरोप लगाकर लीज रद्द किया, जबकि ऐसा करने से पहले कंपनी को सुनवाई का अवसर दिया जाना चाहिए था।
इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया कि बिना उचित प्रक्रिया अपनाए कोई भी प्रशासनिक अधिकारी खनन लीज रद्द नहीं कर सकता।