जमशेदपुर: झारखंड में Corona संक्रमण का सबसे अधिक प्रभाव जमशेदपुर (Jamshedpur) में ही देखने को मिल रहा है।
इस वजह से स्वास्थ्य विभाग (Health Department) नए वेरिएंट का पता लगाने के लिए सक्रिय है।
बताया जा रहा है कि मार्च व अप्रैल के 30 पॉजिटिव मरीजों (Positive Patients) के सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग (Genome Sequencing) के लिए भुवनेश्वर एवं रांची लैब में भेजा गया है।
सीटी वैल्यू 24 से कम मरीजों की शिनाख्त की जा रही है। चूंकि जमशेदपुर समेत राज्य के अन्य शहर से देश-विदेश आने जाने वालों की संख्या ज्यादा है।
इसलिए कोरोना के नए वेरिएंट (New Variant) का पता लगाना जरूरी है।
3 वर्षों में 400 मरीजों की जीनोम सीक्वेंसिंग
विशेषज्ञों के अनुसार, Genome Sequencing का पता लगाने के लिए RTPCR सैंपल ही काम करता है।
पांच-सात दिनों में मरीज की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव नहीं होने पर RTPCR से जांच की जाती है।
दोबारा रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर RTPCR सैंपल को Genome Sequencing के लिए भेजा जाता है।
पिछले 3 वर्षों में जिले के 400 से ज्यादा मरीजों की Genome Sequencing कराई गई है।
झारखंड में कोरोना मरीज कम होने से सैंपल को भुवनेश्वर लैब भेजा जाता था।
अभी राज्य के बोकारो और रांची में कोरोना मरीज मिलने लगे तो जमशेदपुर से भी दर्जनभर सैंपल को Genome Sequencing के लिए रांची RIMS भेजा गया है।