सरायकेला: झारखंड में प्रशासनिक विफलता एक बार फिर सामने आई है। सरायकेला-खरसावां पुलिस ने सड़क जाम पर बैठे निहत्थे महिला और पुरुषों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा।
यहां तक कि महिलाओं पर लाठीचार्ज करने के लिए पुलिस ने महिला पुलिस को भी बुलाना जरूरी नहीं समझा।
इतना ही नहीं इस लाठीचार्ज का कवरेज कर रहे मीडिया कर्मियों को भी पुलिस ने नहीं बख्शा और घटना का कवरेज कर रहे पत्रकारों का गम्हरिया थाना प्रभारी कृष्ण मुरारी द्वारा मोबाइल छीन लिया गया तथा उन्हें देख लेने तक की धमकी दी गई।
दरअसल पूरा मामला एक युवक का शव उसके घर के बरामदे से मिलने के बाद शुरू हुआ।
जानकारी के अनुसार दीगरध्वज महतो (24) सरायकेला थाना अंतर्गत कूदरथाई स्थित एक किराए के मकान में रहता था। वह हीरो शो रूम में काम करता था।
बीते सोमवार को दोपहर करीब एक बजे ही डयूटी से वापस अपने घर लौटा था।
मंगलवार की सुबह उसके घर के बरामदे से उसका शव बरामद किया गया।
उसके बाद परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए अपराधी को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर टाटा-सरायकेला मुख्य मार्ग को शव के साथ जाम कर दिया।
लगातार सड़क जाम की स्थिति को देखते हुए पुलिस ने अपना संतुलन खो दिया और सड़क जाम पर बैठे निहत्थे महिला, पुरुष और युवकों पर लाठीचार्ज करना शुरू कर दिया। इस दौरान एक भी महिला पुलिस मौजूद नहीं थी।
जाम की स्थिति को देखते हुए जिले के चार थाना प्रभारियों को भी जाम स्थल पर बुला लिया गया था।
लाठीचार्ज के दौरान ही वहां समाचार कवरेज कर रहे हैं पत्रकारों का मोबाइल गम्हरिया थाना प्रभारी कृष्ण मुरारी द्वारा जबरन छीन लिया गया तथा उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया।
लाठीचार्ज के बाद वहां भगदड़ मच गई और सड़क जाम कर रहे लोग इधर उधर भागने लगे। इधर पत्रकारों के साथ हुए दुर्व्यवहार के विरोध में इस जिले के पत्रकारों ने गम्हरिया थाना प्रभारी को बर्खास्त करने की मांग को लेकर सरायकेला थाना में धरना पर बैठ गए। समाचार लिखे जाने तक वे धरना स्थल पर ही जुटे हैं।