मेदिनीनगर: सरकार के निर्देश पर मैट्रिक व इंटर की परीक्षा में बेहतर परिणाम को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा परीक्षार्थियों को ध्यान में रखते हुए स्मार्ट क्लास की शुरुआत 16 सितम्बर 2019 से की गई थी।
शुरुआती दौर में स्मार्ट क्लास ट्रायल के लिए जिले के विभिन्न प्रखंडों के 10 स्कूलों से शुरू की गई।
इसे विस्तारित कर 10वीं और +2 हाई स्कूल को क्लास से जोड़ा गया, लेकिन वर्तमान समय में इसका लाभ बच्चे नहीं उठा पा रहे हैं। शिक्षा विभाग की निगरानी भी नहीं हो रही है।
स्मार्ट क्लास के टेक्नीशियन का कहना है कि विभाग के अधिकारियों द्वारा जब निर्देश होगा और रोस्टर के अनुसार स्मार्ट क्लास लेने के लिये जो शिक्षक नियुक्त हैं, उनके आने के बाद शुरुआत की जाएगी। कोरोना संक्रमण काल के पहले प्रत्येक दिन क्लास चलाई जा रही थी।
शुरुआती दिनों में बच्चों की उपस्थिति भी ठीक होती थी, लेकिन धीरे-धीरे कम होती गई। टेक्नीशियन ने बताया कि जिले में मैट्रिक व इंटर के छात्रों के लिए शुरू की गई स्मार्ट क्लास अपने उद्देश्यों की पूर्ति में असफल होती दिखायी दे रही है।
शुरू होने से लेकर अब तक लगभग अमूमन निर्धारित रोस्टर के अनुसार क्लास होती रही, इसके बावजूद नयी पहल से छात्रों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।
स्कूलों में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ, बायोलॉजी तथा इंग्लिश के टीचर नहीं हैं।
राज्य सरकार द्वारा स्मार्ट क्लास शुरू करने का उद्देश्य था कि जिन विद्यालयों में साइंस, मैथ, इंग्लिश के शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं उन विद्यालय के बच्चे इन विषयों की पढ़ाई से वंचित ना हो और शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त हो सके।
अभी तक जिन स्कूलों को स्मार्ट क्लास से जोड़ा गया है उनमें +2 हाई स्कूल, मनातू, पाकी, मोहम्मदगंज हैदरनगर, हरिहरगंज, हुसैनाबाद, छतरपुर, बिश्रामपुर, पांडू +2 हाई स्कूल शामिल हैं। सोमवार से शनिवार तक प्रत्येक दिन दो क्लास ली जाती रही है।