Jharkhand Smart Meter: झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) के बजट सत्र के 7वें और अंतिम दिन शनिवार को BJP विधायक बिरंची नारायण ने राज्य में लग रहे स्मार्ट मीटर का मुद्दा उठाया।
विधायक की ओर से मुख्य रूप से Smart Meter लगाये जाने के दौरान तार की खरीदारी और उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले बोझ पर बल दिया गया।
इस दौरान विभाग की ओर से जानकारी दी गयी कि नया स्मार्ट मीटर लगाने के लिये उपभोक्ताओं को निजी खर्च से तार नहीं देना है। इस संबंध में बिजली वितरण निगम की ओर से समय समय पर कैंप और समाचार पत्रों में विज्ञापन और खबर के माध्यम से लोगों को जानकारी दी गयी है।
रांची में अब तक एक लाख 96 हजार Smart Meter लगाये गये है। वहीं, धनबाद जिला में भी दो हजार Smart Meter लगाये गये हैं। अन्य किसी भी जिला में Smart Meter की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।
विधायक की ओर से पूछा गया कि पुराने मीटर को एजेंसी के लोग साथ ले जाते है। इस पर विभाग ने बताया कि क्षेत्रीय कार्यालय में पूराने मीटर को सौंप दिया जाता है, जिसके बाद Executive Engineer की ओर से पुराने मीटर और नया मीटर अधिष्ठापन का सत्यापन करती है।
वहीं, पूर्व में एल्यूमीनियम तार स्मार्ट मीटर के साथ लगाये जाने पर विभाग ने जानकारी दी कि उपभोक्ताओं के करेंट रेटिंग के अनुसार एल्यूमीनियम कवर्ड तार लगाया गया है। स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया के साथ ही एल्यूमीनियम तार का इस्तेमाल कंपनी कर रही है। इसमें कहीं भी कॉपर तार का प्रयोग नहीं किया जा रहा है।
इस दौरान करंट हादसा से मरने वालों लोगों को मिलने वाले मुआवजा की दिशा में क्या कार्य किया जा रहा है, इसकी जानकारी भी मांगी गयी।
इस विभाग की ओर से जानकारी दी गयी कि करंट हादसा से पीड़ित लोगों या परिजनों को नियमानुसार मुआवजा दिया जाता है। ऐसे मामलों में विद्युत निरीक्षक या कार्यपालक अभियंता की ओर से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट क्षेत्रीय कार्यालय को दी जानी है। रिपोर्ट के आधार पर क्षेत्रीय मुआवजा कमेटी की ओर से मुआवजा निर्गत किया जाता है।