राज्य सरकार अपने अधिकार के प्रति भी सजग नहीं है, उन्हें सजग होना चाहिए: झारखंड HC

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रांची: झारखंड हाई कोर्ट में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से मसानजोर डैम को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।

अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए मौखिक रूप से कहा कि राज्य सरकार इसे हल्के में ना लें, यह बहुत गंभीर मामला है।

कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार अपने अधिकार के प्रति भी सजग नहीं है, उन्हें सजग होना चाहिए।

कोर्ट ने अगली सुनवाई के दौरान मसानजोर डैम के निर्माण के समय जो एग्रीमेंट हुआ था, उसे अदालत में पेश करने को कहा है।

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई हुई।

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मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए आदेश के आलोक में सरकार की ओर से पूर्व में जवाब पेश किया गया था।

अदालत ने सरकार को फिर से इस मामले में अद्यतन जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी। इस बीच सरकार को अद्यतन जानकारी पेश करने को कहा गया है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से अदालत को जानकारी दी गयी कि वर्ष 2019 में सरकार की ओर से जवाब पेश कर बताया गया था कि डैम का पानी झारखंड में नहीं आता है लेकिन बाद में फिर जो जवाब आया उसमें बदलाव है, ऐसे में फिर से जवाब पेश करने को कहा है।

उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल और झारखंड सरकार के बीच दुमका स्थित यह मसानजोर डैम है, जिसकी पानी और बिजली की सुविधा की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने इस पानी की सुविधा वहां के किसानों को मिले, इसकी मांग को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है, उसी याचिका पर सुनवाई हुई।

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