रांची: कुछ दिनों पहले ही Jharkhand राज्य में पूरी तरह से कोरोना (Corona) खत्म हो गया था। राज्य में एक भी कोरोना संक्रमित (Corona Positive) मरीज नहीं थे।
लेकिन बीते कुछ दिनों से चीन में एक बार फिर से कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के कारण हाहाकार मचा हुआ है।
वहीं दूसरी ओर आज शनिवार को झारखंड राज्य में भी एक कोरोना संक्रमित मरीज पाया गया। कोरोना मुक्त होने के एक महीने बाद राज्य में एक नया मरीज मिला है जो Jamshedpur का रहने वाला है।
मरीज को RIMS में भर्ती किया गया है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि इसको लेकर चिंता की कोई बात नहीं है। मरीज स्वस्थ है। बस एहतियात बरतने की जरूरत है।
24 नवंबर को झारखंड हुआ था COVID मुक्त घोषित
गौरतलब है कि विगत 24 नवंबर को झारखंड में Covid का एक मरीज मिला था जो बोकारो का रहने वाला था। 2 दिसंबर को झारखंड को Covid मुक्त घोषित किया गया था।
हालांकि झारखंड में कोरोना को लेकर सरकार Alert मोड पर है। शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) के साथ रूबरू हुए थे।
इस दौरान राज्य में एहतियात बरतने के निर्देश केंद्र की तरफ से दिए गए हैं, वहीं Banna Gupta ने केंद्र सरकार से पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन की मांग की है।
इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य के सभी जिलों के DC को सैंपलिंग, वैक्सीनेशन, ट्रीटमेंट टेस्टिंग इन सभी चीजों पर तेजी से काम करने का निर्देश दिया है। 26 तारीख को कोरोना को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) एक हाईलेवल मीटिंग करने वाले हैं।
कितना घातक है कोरोना का नया वैरिएंट ?
इस समय चीन में कोरोना का जो वायरस (Virus) फैला है, उसका नाम BF.7 है। अब तक COVID के जितने भी वैरिएंट आए हैं, ये उनमें सबसे अधिक तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है।
BF.7 से एक व्यक्ति संक्रमित हुआ तो यह 18 लोगों में संक्रमण फैला सकता है। यह ओमिक्रोन का ही सब- वैरिएंट है। इसे COVID-19की चौथी पीढ़ी का वैरिएंट कहा जा रहा है।
हालांकि इसका संक्रमण अभी हमारे देश में बेहद सीमित है, लेकिन चीन से जिस तरह के खबरें सामने आ रही हैं, उससे आम जनमानस में डर का माहौल बना हुआ है।
चीन में स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि चीन (China) के मुर्दा घरों में लाशों का अंबार पड़ा हुआ है और संक्रमितों के इलाज के लिए अस्पतालों में बेड तक खाली नहीं है।