रांची: कांके में जानलेवा हमले में बाल-बाल बचे चतरा जिले के टंडवा प्रखंड के उप प्रमुख बबलू मुंडा ने कहा है कि उग्रवादी संगठन टीपीसी से उनका कोई संबंध नहीं है।
मुंडा ने इस संबंध में शनिवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि वह पिछले 10 वर्षों से चतरा के टंडवा प्रखंड के उप प्रमुख हैं।
उन्होंने कहा, “मेरे प्रखंड उप प्रमुख होने से समाज के सामाजिक कार्य में हमेशा बढ़-चढ़कर योगदान रहता है। साथ ही मेरी ट्रांसपोर्टिंग कंपनी भी है, जिसका मैं डायरेक्टर हूं। मैं कंपनी में नियमानुसार सरकार को टैक्स जमा करता हूं।”
मुंडा ने कहा है, “मेरे बड़े भाई प्रेमसागर मुंडा को जमीन के बदले सीसीएल में नौकरी मिली थी। वह सीसीएल कर्मी थे। साथ ही बड़े विस्थापित नेता थे और भाजपा अनुसूचित जनजाति के मंत्री थे। इसके अलावा भारत मुंडा समाज के प्रदेश अध्यक्ष थे। यह सोचनेवाली बात है कि मैं बबलू कुमार मुंडा और मेरे बड़े भाई स्वर्गीय प्रेम सागर मुंडा टीपीसी सदस्य कैसे बन गये। यह जांच का विषय है। मैं और मेरे भाई कभी भी टीपीसी सदस्य नहीं थे और न ही हैं।”
उन्होंने कहा, “टीपीसी से हमलोगों का कोई संबंध नहीं रहा है। हमलोगों की कभी भी आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं रही है। टीपीसी सदस्य वाली बात बिल्कुल गलत है। पुलिस प्रशासन और जनता को भड़काने की साजिश रची जा रही है।
” बबलू मुंडा ने मांग करते हुए कहा, “मेरे बड़े भाई प्रेमसागर मुंडा की हत्या करनेवाले और मुझे, मेरी धर्मपत्नी, मेरी दो साल की बेटी, मेरी बहन को जान से मारने के उद्देश्य हमला करनेवालों को सरकार और पुलिस प्रशासन गिरफ्तार करे और कड़ी से कड़ी सजा दे।”
उल्लेखनीय है कि 22 अक्टूबर को नक्सली संगठन तृतीय प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) ने प्रेम सागर मुंडा हत्याकांड और बबलू सागर मुंडा पर हुए हमले में संगठन का हाथ होने से साफ इनकार किया था।
टीपीसी के सब-जोनल प्रवक्ता सचिन ने इस संबंध में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया था कि प्रेम सागर की हत्या संगठन ने नहीं की और न ही बबलू पर हमला किया गया है।
विज्ञप्ति में टीपीसी ने इस बात का जिक्र किया था कि बबलू मुंडा पर हुए जानलेवा हमले से संगठन काफी चिंतित है। मृतक प्रेम सागर मुंडा और बबलू सागर मुंडा के पिता प्रयाग मुंडा शुरू से ही टीपीसी के सक्रिय सदस्य रहे हैं और आज के दिनों में भी सक्रिय सदस्य हैं।
उल्लेखनीय है कि 29 सितंबर 2021 को कांके ब्लॉक चौक स्थित शिव मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद बबलू मुंडा फॉर्चुनर कार से अपने परिवार के साथ घर लौट रहे थे।
उसी वक्त अपराधियों ने हमला किया था, जिसमें बबलू मुंडा का निजी बॉडीगार्ड अजय सोनार घायल हो गया था। पुलिस ने 10 अक्टूबर को फायरिंग मामले में आठ उग्रवादियों को गिरफ्तार किया था।