रांची: झारखंड में कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री से 50 लाख रुपये की शिक्षकों की बीमा करने की मांग की है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष आनंद किशोर साहू और प्रदेश महासचिव बलजीत कुमार सिंह ने शनिवार को संयुक्त बयान जारी कहा कि राज्य भर में प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के शिक्षकों को बिना सुरक्षा और संरक्षा की व्यवस्था किए कोविड-19 बचाव कार्यों में प्रतिनियुक्त किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मी होने के नाते इस आपदा में हमें सरकार के साथ कंधा से कंधा मिलाकर कार्य करना है।
शिक्षक समुदाय सदैव ऐसा करते आए हैं, लेकिन सरकार को भी शिक्षकों के स्वास्थ्य के साथ साथ आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा का ध्यान रखना होगा।
शिक्षक को प्रतिनियुक्त करने से पहले मेडिकल हिस्ट्री और तमाम आवश्यक मेडिकल जांच कराएं
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कोविड-19 बचाव कार्य में लगे सरकारी शिक्षकों (पारा शिक्षक सहित) को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करते हुए अविलंब 50 लाख का जीवन बीमा और संक्रमित होने की स्थिति में पूरे परिवार को प्राथमिकता के आधार पर निःशुल्क चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग की है।
उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि किसी भी शिक्षक को प्रतिनियुक्त करने से पहले मेडिकल हिस्ट्री और तमाम आवश्यक मेडिकल जांच कराएं ताकि स्वास्थ्य बिगड़ने की स्थिति में समुचित इलाज किया जा सके।
मधुपुर उपचुनाव में ड्यूटी से लौटे 25 प्रतिशत शिक्षक कोरोना संक्रमित
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिला और प्रखंड स्तर पर शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति करने से पहले एक सूची तैयार करनी होगी। कितने शिक्षकों को कोविड-19 ड्यूटी में लगाना है, कितने शिक्षक डिजिटल कंटेंट बना रहे हैं और कितने शिक्षक बच्चों को आनलाइन पढ़ा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति एक साथ दो कार्य नहीं कर सकता है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि संघ की ओर से 19 अप्रैल को मुख्य सचिव को अपनी चिंता व्यक्त करते हुए ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन जानकारी देने के बावजूद अब तक समाधान नहीं निकला है।
उन्होंने कहा कि कोरोना से संक्रमित होकर कई शिक्षक और शिक्षिकाओं की मृत्यु हो चुकी है।
साथ ही मधुपुर उपचुनाव में ड्यूटी से लौटे 25 प्रतिशत शिक्षक कोरोना संक्रमित हो गए हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव कार्य के लौटने के बाद दो शिक्षक संक्रमित हो गए थे, जिनकी मृत्यु हो गई है।
उन्होंने चुनाव आयोग से मांग करते हुए कहा कि 50 लाख रुपये बीमा राशि मुहैया कराएं। उन्होंने कहा कि पश्चिम सिंहभूम (चाईबासा) जिले से अब तक तीन शिक्षकों की मृत्यु हो चुकी है।