गुमला: दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग के कोख से जन्मे नवजात के पिता का पता लगाने के लिए जेल में बंद आरोपित, नवजात व उसकी मां का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा।
इसके लिए बिशुनपुर पुलिस ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर आरोपित का डीएनए टेस्ट कराने की अनुमति मांगी है। ताकि आरोपित को कठोर से कठोर सजा मिल सके।
थाना प्रभारी सदानंद सिंह ने बताया कि केस अनुसंधान में है। डीएनए टेस्ट भी अनुसंधान की प्रक्रिया का एक हिस्सा है।
दुष्कर्म के आरोपित जेल में हैं, जबकि नाबालिग और उसका बच्चा बाल कल्याण समिति के संरक्षण में है।
नवजात को चैरिटी आफ मिशनरीज में रखा गया है जबकि नाबालिग अभी ज्ञानाश्रय बालगृह में है।
दोनों बाल कल्याण समिति के संरक्षण में है।
नाबालिग के माता-पिता नहीं है वह दादी के साथ रहती थी। दादी नाबालिग व उसके नवजात को लेने के लिए बाल कल्याण समिति पहुंची थी लेकिन नाबालिग ने घर जाने से इंकार कर दिया है।
जिस कारण उसे बाल गृह में रखा गया है और नवजात को चैरिटी आफ मिशनरीज में बाल कल्याण समिति के संरक्षण में रखा गया है।
इधर दूसरी दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग अब भी सदर अस्पताल में इलाजरत है।
नवजात के शरीर में खून की कमी है। उसके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आ रही है इसके कारण उसे आठ दिनों से अस्पताल में ही भर्ती रखा गया है।