गिरिडीह: गिरिडीह में शनिवार को तीन व्यक्तियों की मौत कोरोना से अलग-अलग स्थानों में इलाज के दौरान हुई।
शहर के बरनवाल स्टील के संचालक पवन बरनवाल की मौत जहां कोलकाता में इलाज के दौरान हुआ तो वहीं अग्रसेन सेवा संघ के अध्यक्ष सह माइका डीलर्स एसोसिएशन के पूर्व पदाधिकारी रहे 70 वर्षीय मालीराम अग्रवाल का निधन भी कोरोना से धनबाद में हो गया।
इस दौरान भाजपा की महिला संगीता सेठ के पति परमानंद राम की मौत भी हजारीबाग में इलाज के दौरान कोरोना से हो गया।
खास बात यह है कि शनिवार को जब भाजपा की महिला नेता के पति का शव शहर के बरमसिया स्थित श्मशान भूमि पहुंचा तो कुछ स्थानीय लोगों ने यह कर विरोध कर दिया कि करीब डेढ़ माह से इस श्मशान भूमि पर कोरोना संक्रमितों का शव का दाह-संस्कार किया जा रहा है।
लगातार हो रहे कोरोना संक्रमितों के शव का दाह-संस्कार होने से मुहल्ले में भी बीमारी का प्रकोप बढ़ने का खतरा बढ़ गया है।
स्थानीय लोगों के विरोध के दौरान अपने पति के शव के साथ भाजपा नेता संगीता सेठ एंबुलेंस में ही थी।
इस दौरान भाजपा नेता समेत उनके रिश्तेदारों ने स्थानीय लोगों को समझाने का प्रयास किया।
इस पर स्थानीय लोगों ने भाजपा नेता को पति का शव सिहोडीह श्मशान भूमि में जलाने का सुझाव दिया।
इसके बाद भाजपा की महिला नेता पति का शव लेकर सिहोडीह श्मसान घाट भी पहुंची।
वहां पहुंचने पर उन्हें स्थानीय लोगों ने बताया कि सिहोडीह श्मशान घाट में कोई व्यवस्था नहीं है। पति का शव एंबुलेंस में लेकर इलाके-इलाके भटक रही भाजपा नेता ने सहयोग के लिए नगर निगम के प्रभारी महापौर प्रकाश सेठ से बात की।
इसके बाद महापौर प्रकाश सेठ ने बरमसिया के लोगों से शव के दाह-संस्कार करने देने का अपील किया।
महापौर की अपील के बाद स्थानीय लोग माने। इधर बरमसिया के लोगों द्वारा विरोध की जानकारी मिलने पर संक्रमितों का शव दाह-संस्कार करने वाले कोरोना यौद्धा राॅकी नवल और रामजी यादव ने शव का दाह-संस्कार किया।
इस दौरान राॅकी नवल ने कहा पिछले डेढ़ माह में करीब डेढ़ सौ से अधिक शवों का दाह-संस्कार किया जा चुका है लेकिन इस पूरे मुहल्ले के लोगों को अब तक कोई परेशानी नहीं हुई।
ऐसे में अब विरोध कहां तक उचित है, जबकि वह खुद अपने दोस्त मिथुन के साथ शव जलाता आ रहा है।