रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने कहा कि राज्य गठन के बाद पहली बार नौ और 10 अगस्त को मोरहाबादी मैदान में झारखंड जनजातीय महोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है।
यह कार्यक्रम राज्य वासियों के लिए गौरव की बात है। इस कार्यक्रम में Jharkhand के अलावा दूसरे राज्यों से भी जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधि और अन्य लोग पहुंचेंगे। हम सभी इस कार्यक्रम के प्रतीक चिन्ह का अनावरण कर रहे हैं।
झारखंड वीरों की भूमि रही है
ये बातें CM ने गुरुवार को झारखंड विधानसभा के सभागार में महोत्सव के प्रतीक चिन्ह के अनावरण कार्यक्रम में कही।
उन्होंने कहा कि झारखंड (Jharkhand) के जनजातीय समुदाय ने देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बनायी है।
राज्य के कोने-कोने में बसे हुए जनजातीय समाज के लोग सदियों से अपने समाज, संस्कृति एवं सभ्यता के संरक्षण के लिए संघर्ष करते रहे हैं। झारखंड वीरों की भूमि रही है।
धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हु, वीर बुधु भगत, तिलका मांझी, चांद भैरव, तेलंगा खड़िया, शेख भिखारी जैसे यहां के वीर महापुरुषों ने राज्य एवं देश के लिए अपना सर्वस्व दिया है।
CM ने कहा कि अभी भी जनजातीय समुदाय के कई ऐसे इतिहास के पन्ने खंगालने बाकी हैं जहां हम इस समुदाय को और अच्छे रूप से जानेंगे और पहचानेंगे।
Tribal Community के सभ्यता- संस्कृति को राष्ट्रीय पटल पर पहुंचाने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। झारखंड जनजातीय महोत्सव-2022 का आयोजन जनजातीय समुदाय के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
इस कार्यक्रम के माध्यम से जनजातीय समाज की आवाज को बुलंद करने का प्रयास हमारी सरकार ने किया है।
CM ने झारखंड जनजातीय महोत्सव के प्रतीक चिन्ह के अनावरण के अवसर पर मंचासीन सभी मंत्री, MLA और विशिष्ट अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया।
इस मौके पर ये पदाधिकारी उपस्थित थे
इस मौके पर मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री चंपाई सोरेन, मंत्री मिथिलेश ठाकुर, मंत्री हफीजुल हसन, विधायक सुदिव्य कुमार, CM के सचिव विनय कुमार चौबे, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव K.K सोन, युवा, खेलकूद, कला संस्कृति एवं पर्यटन विभग के सचिव अमिताभ कौशल, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अपर सचिव अजय नाथ झा और TRI के निदेशक रणेन्द्र कुमार सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।