लोहरदगा: उत्तराखंड में लापता हुए बेठहठ के नौ मजदूरों में ज्योतिष बाखला एवं पिता मनोज बाखला सुनील बाखला पिता प्रकाश बाखला का शव एम्बुलेंस के माध्यम से मंगलवार की रात उत्तराखंड से बेठहठ चोरटांगी लाई गई।
वहीं उनलोगों का अंतिम संस्कार रात दो बजे किया गया। शव के बेठहठ पहुंचते ही पूरे गांव शोक में डूब गया।
बेटे का शव को देखकर मां बाप के आंसू रोके नहीं रुक रहे थे। शव के आते ही गांव पूरी तरह गमगीन हो गई।
उत्तराखंड सरकार द्वारा लापता सभी मजदूरों को मृत घोषित कर दी गई है।
मृत घोषित किए जाने के बाद बाकी छह परिवार के लोग भी अब अपनों की शव की खोजबीन कर जल्द घर लाने की गुहार लगा रहे हैं।
मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करना शुरू
उत्तराखंड के चमाेली जिले में ग्लेशियर फटने से हुए हादसे के 16 दिन बाद भी लापता 134 लाेगाें का पता नहीं चला है।
इनमें झारखंड के भी 10 मजदूर हैं। इसलिए उन्हें मृत घाेषित करने के लिए राज्य सरकार ने साेमवार काे अधिसूचना जारी कर दी।
प्रभावित परिवाराें काे जल्दी मुआवजा दिलाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करना शुरू कर दिया है। वैसे, किसी आपदा में लापता व्यक्ति का 7 साल पता नहीं चलने पर मृत घाेषित किया जाता है। लेकिन इस घटना काे अपवाद मानते हुए ये सीमा हटाई गई है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में हुई तबाही में बेठहठ के नौ मजदूर लापता हो गए थे, जिसमें से तीन मजदूर विक्की भगत,सुनील बाखला एवं ज्योतिष बाखला का शव की बरामदगी हो चुकी है।
परिजनों द्वारा अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है। वहीं छह मजदूर मंजनू बाखला,उर्बनुष बाखला, नेमहस बाखला, रविंद्र उराँव, दीपक कुजूर एवं प्रेम उरांव का अब तक सुराग नहीं मिला है।
लापता हुए लोगों को मृत घोषित करने के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर दी है।
घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण सभी मजदूर पढ़ाई लिखाई छोड़कर पलायन कर गए थे।