आदिवासियों से उनका जंगल छीन लेना चाहती है मोदी सरकार, CM हेमंत सोरेन ने..

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुखाड़ के मद में राज्य को केंद्र सरकार द्वारा 9000 करोड़ रुपए देना था, लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य को मात्र 500 करोड़ों ही दिए

News Aroma Media

रांची : झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र (Jharkhand Legislative Assembly Monsoon Session) के अंतिम दिन शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन (Hemant Soren) ने समापन अभिभाषण में कहा कि मणिपुर में आदिवासी समाज का उत्पीड़न हो रहा है और वहां की सरकार मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन संरक्षण नियमावली (Forest Conservation Manual) में पिछले वर्ष ग्राम सभा के अधिकार को छीन लिया गया और फिर लोकसभा के चल रहे मानसून सत्र में वन संरक्षण कानून में केंद्र सरकार ने ऐसे संशोधन कर दिए हैं कि भविष्य में आदिवासियों से उनका जंगल ही छीन लिया जाएगा लेकिन मैं न तो पिछले साल के संशोधित नियमावली को इस राज्य में लागू होने दिया और न ही अभी कानून में किए गए बदलाव से आदिवासियों को उनके जंगल से बेदखल करने की केंद्र सरकार के मनसूबे को सफल होने दूंगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत जल्द राज्य सरकार विस्थापन आयोग, SC एवं ST आयोग का भी गठन करने जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुखाड़ के मद में राज्य को केंद्र सरकार द्वारा 9000 करोड़ रुपए देना था, लेकिन केंद्र सरकार ने राज्य को मात्र 500 करोड़ों ही दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में आठ लाख वंचित पात्र लाभुकों के लिए PM आवास स्वीकृत करने का बार-बार मांग कर रहे हैं। परंतु केंद्र सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा…

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब विधानसभा के द्वारा 1932 के खतियान वाली स्थानीयता और पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण वाले विधेयक को पारित कराकर हम लोग भेजते हैं तो उसको राज्यपाल के यहां लटका दिया जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे पक्का यकीन है कि संविधान के आर्टिकल 200 के अंतर्गत राज्यपाल के द्वारा संदेश विधानसभा को नहीं भेजना इसी साजिश का हिस्सा है जिससे कि हम लोग यह दोनों विधेयक फिर से विधानसभा से पारित करके राज्यपाल को नहीं भेज पाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेपर लीक न हो हम इसके लिए कानून लाए।

गुजरात, उत्तराखंड जैसे राज्यों में जब इस प्रकार का कानून पहले से ही लागू है तो हम इसे छात्र हित में जब लागू कर रहे हैं, तो फिर यहां के विपक्ष को पेट में दर्द क्यों हो रहा है।

राज्य में और 40 से 50 हजार पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हजारों पदों पर नियुक्ति कर चुके हैं, वहीं और 40 से 50 हजार पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ा चुके हैं। मैं इस बात की गारंटी देता हूं कि सिर्फ और सिर्फ झारखंडियों को ही रोजगार एवं स्वरोजगार दूंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार अपराध पर पूर्ण नियंत्रण के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध है।

DGP एवं पुलिस के बड़े अधिकारियों को हमने साफ कह रखा है कि अपराध पर किसी भी हालत में लगाम लगाएं, इसमें आप को खुली छूट है एवं किसी का पैरवी भी आपको नहीं सुनना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मणिपुर में हजारों घर जला दिए गए सैकड़ों लोगों की हत्या कर दी गई है। लेकिन सरकार नाम मात्र के लिए एफआईआर दर्ज की है वह भी सर्वोच्च न्यायालय से फटकार लगने के बाद।

युवा नेता सुभाष मुंडा की नृशंस हत्या से दु:खी और मर्माहत हूं

हेमन्त सोरेन ने कहा कि मैं बहुत ही दु:खी और मर्माहत हूं, युवा नेता सुभाष मुंडा की नृशंस हत्या (Brutal Murder of Subhash Munda) कर दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके हत्यारों को पुलिस द्वारा पकड़ा जा चुका है।

इस घटना में शामिल किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन कुछ राज्यों में ऐसा क्यों नहीं हो पा रहा है, मोनू मानेसर को हरियाणा पुलिस क्यों नहीं गिरफ्तार कर पा रही है।