Jharkhand Vidhansabha: हजारीबाग में मंगला जुलूस (Mangala procession) के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। बजट सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
BJP MLAs ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर हमला बोला और विधानसभा परिसर में हाथों में तख्तियां लेकर जोरदार नारेबाजी की।
बीजेपी ने सरकार को बताया जिम्मेदार, तुष्टिकरण का आरोप
विधानसभा पोर्टिको में प्रदर्शन कर रहे बीजेपी विधायकों ने हजारीबाग हिंसा (Hazaribagh violence) को सुनियोजित बताया। विधायक उज्जवल कुमार दास ने कहा, “क्या झारखंड में हिंदू त्योहार मनाना अब अपराध बन गया है?” उन्होंने सरकार पर तुष्टिकरण नीति अपनाने का आरोप लगाया। बीजेपी विधायक मनोज यादव ने सवाल उठाया कि हमेशा हिंदू पर्व के दौरान ही इस तरह की घटनाएं क्यों होती हैं।
उन्होंने मांग की कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। हजारीबाग के विधायक प्रदीप प्रसाद ने कहा कि “हिंसा से ठीक पहले लाइट बंद कर दी गई और जुलूस समाप्त होते ही पथराव शुरू हो गया”।
उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की। BJP विधायक सीपी सिंह ने भी हिंदू त्योहारों के दौरान अशांति फैलाने का आरोप लगाते हुए सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि हिंदुओं के धार्मिक आयोजनों को निशाना बनाना चिंताजनक है।
झामुमो का पलटवार, बीजेपी पर भड़काने का आरोप
BJP के आरोपों का जवाब देते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के विधायक समीर मोहंती (Samir Mohanty) ने BJP को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि “बीजेपी का काम ही धार्मिक भावनाओं को भड़काना है।”
मोहंती ने तंज कसते हुए कहा कि “बीजेपी विधायकों को कांके (मानसिक स्वास्थ्य संस्थान) में इलाज कराने की जरूरत है।” उन्होंने दावा किया कि सरकार शांति बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है और सभी धर्मों के लोगों को मिलकर रहना चाहिए।