Jharkhand Vidhansabha: विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मंत्री सुदिव्य सोनू (Sudivya Sonu) ने कहा कि कानून रातों रात लागू नहीं हो सकता। हाई कोर्ट के आदेश से पहले कंपनियां आरक्षण का पालन कर रही थीं। आउटसोर्सिंग निजी कंपनी ही है।
वहीं श्रम मंत्री संजय प्रसाद यादव (Sanjay Prasad Yadav) ने कहा कि आउटसोर्सिंग कंपनी निजी कंपनी ही मानी जाती है। पदाधिकारी अगर गलत रिर्पोट दिए हों तो कार्रवाई की जाएगी।
यादव ने कहा कि झारखंड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम, 2021 का गठन करते हुए चार जनवरी, 2022 को झारखंड गजट में प्रकाशित किया गया है।
75 प्रतिशत पदों पर स्थानीय उम्मीदवारों को नियोजित
अधिनियम के कंडिका-4 (1) के अनुसार अधिनियम के प्रारंभ के बाद प्रत्येक नियोक्ता 40 हजार से अनाधिक या सरकार द्वारा समय-समय पर यथा अधिसूचित अधिसीमा तक सकल मासिक वेतन या मजदूरी वाले ऐसे पदों, जो अधिसूचित होने की तिथि को रिक्त हों एवं उसके बाद उत्पन्न कुल रिक्ति का 75 प्रतिशत पदों पर स्थानीय उम्मीदवारों को नियोजित करेगा।
नियोजन अधिनियम, 2021 एवं नियमावली, 2022 का अनुपालन किया जा रहा है। विभाग की ओर से अधिनियम/नियमावली के कार्यान्वयन के लिए एक पोर्टल भी स्थापित है। जिस पर 28 फरवरी 2025 तक 7,470 प्रतिष्ठान निबंधित है।
वर्तमान में झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में दायर वाद संख्या WPC 5688/2024 11 दिसम्बर 2024 को पारित आदेश के आलोक में इसके अनुपालन पर अंतरिम रोक लगाई गई है। इस वाद की अगली सुनवाई की तिथि 26 मार्च है।
झारखंड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवार का नियोजन अधिनियम, 2021″ का गठन के बाद झारखंड के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन नियमावली, 12 सितम्बर, 2022 के प्रभाव से राज्य में प्रभावी है।