रांची: झारखंड कैबिनेट ने सरकारी कर्मियों के नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत सरकारी अंशदान की राशि 10 प्रतिशत से बढ़ा कर 14 प्रतिशत करने का फैसला किया है।
यह फैसला 01 जुलाई, 2021 की तिथि से प्रभावी होगा और इस पर राज्य के खजाने पर लगभग 342 करोड़ का बोझ बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसका निर्णय किया गया।
कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने बैठक में किए गये निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्यभर में जनजातीय समुदाय के धार्मिक और पवित्र स्थलों सरना-मसना-हड़गड़ी स्थलों के सौंदर्यीकरण की योजना को मंजूरी दी गई है।
25 लाख तक का काम समितियों के जिम्मे
इसके तहत अधिकतम पांच करोड़ तक की योजना ली जा सकेगी। 25 लाख तक की ऐसी योजनाओं का काम लाभुक समितियों के जरिए कराया जायेगा। अगर किसी योजना की लागत 25 लाख से ज्यादा होगी, तो इसके लिए टेंडर आमंत्रित किया जायेगा।
फसल राहत के लिए 25 करोड़ का बनेगा कार्पस फंड
झारखंड राज्य फसल राहत योजना के तहत 25 करोड़ के कार्पस फंड के गठन को मंजूरी दी गयी है।
किसानों की फसल का नुकसान होने पर इस फंड से आने वाले ब्याज से मदद पहुंचाई जायेगी।
साथ ही मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए 85. 70 करोड़ की राशि को मंजूरी दी गयी है।
इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी
-.सेवाकाल में मृत सरकारी कर्मियों के आश्रितों की अनुकंपा के आधार पर नौकरी में नयी नियमावली को मंजूरी दी गयी है।
इसके तहत अब आवेदक के लिए शैक्षणिक योग्यता में हिंदी टाइपिंग की अर्हता को शिथिल कर दिया गया है।
नौकरी मिलने के बाद टाइपिंग की निर्धारित क्षमता हासिल करनी होगी। वन क्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गयी है।
इन पर अनियमितता और अनुशासनहीनता के गंभीर आरोप थे। अनिल सिंह फिलहाल पाकुड़ में पदस्थापित हैं।
– मनोज प्रसाद को वाणिज्यकर न्यायाधिकरण का अध्यक्ष बनाने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
प्रसाद फिलहाल पूर्वी सिंहभूम में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में पदस्थापित हैं।
– झारखंड के न्यायालयों में ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग के तैयार प्रस्ताव को राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा।