पटना : Bihar में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के Cabinet से संतोष सुमन के इस्तीफा (Resignation) दिए जाने के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए पूर्व मुख्यमंत्री (Former CM) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने कहा कि महागठबंधन सरकार में जनता की आशा पर कुठाराघात (Axe Attack) हो रहा था, इस कारण यह निर्णय लिया गया।
पटना में बुधवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए मांझी ने कहा कि राज्य में बालू (रेत) नीति और शराब नीति से वित्तीय स्थिति (Financial Situation) चौपट हो गयी।
इससे गरीब ज्यादा प्रभावित हुए हैं। विधानसभा में और सार्वजनिक (Public) रूप से भी यह मामला उठाया लेकिन इसपर ध्यान नहीं दिया गया।
क्या जीतन मांझी हैं नितीश से नराज़….
उन्होंने कहा कि हमने पांच एकड़ तक भूमि वाले किसानों को मुफ्त बिजली देने को लेकर बात की।
SC, ST के कल्याण को लेकर भी योजनाएं लाई गई थी, जिससे बिहार का भविष्य बदल जाता, लेकिन उसे लागू नहीं किया गया।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि जनता की आवाज पर निर्णय लिया गया है।
उन्होंने आगे की योजना के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि हमारी पार्टी में जनतंत्र है, 18 जून को कार्यकारिणी (Executive) की बैठक बुलाई गई है, उसमें जो निर्णय लिया जाएगा, वह किया जाएगा।
मांझी की नहीं है कोई नितीश से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी
मांझी ने JDU अध्यक्ष ललन सिंह के एक बयान पर कहा कि व्यक्तिगत रूप से उन्हें नीतीश कुमार, ललन सिंह या तेजस्वी यादव से कोई परेशानी नहीं है, लेकिन जनहित के मुद्दे पर समझौता नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि मांझी के पुत्र संतोष सुमन ने मंगलवार को नीतीश Cabinet से इस्तीफा दे दिया है।