रांची: कृषि कानून के खिलाफ किसान संगठनों के देशव्यापी चक्का जाम प्रदर्शन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने भी शनिवार को बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्य के वित्त तथा खाद आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार की हठधर्मी रवैये और तीन नए कृषि कानून के खिलाफ देशभर के किसान आंदोलनरत हैं।
इसके बावजूद किन कारणों से भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इन कानून को जनता पर थोपना चाहती है, यह किसी के भी समझ से परे है।
उन्होंने कहा कि देश के 70 वर्षों के इतिहास में कई कानून बने हैं और कई कानून वापस किए गए हैं।
यदि किसानों के लिए बनाए गए इस कानून को किसान ही वापस लेने की मांग कर रहे हैं तो फिर इस कानून से किस का लाभ होगा इसे बताया जाना चाहिए।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यदि इस कानून को वापस ले लिया जाता है तो इससे सरकार की हार नहीं होगी बल्कि देश की जनता इस निर्णय का स्वागत करेगी।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री का यह कहना कि नए कृषि कानून में कुछ भी काला नहीं है, तो उन्हें यह भी बताना चाहिए कि इस कानून को वापस लेने से देश के किसानों को किस तरह का नुकसान होगा।
इधर, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राजधानी रांची से सटे विभिन्न हिस्सों में राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर किसानों के हितों की रक्षा को लेकर संघर्ष को जारी रखने का ऐलान किया।
इस दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल सहित अन्य पार्टियों के नेता भी मौजूद रहे।
राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने रांची के बूटी मोड़ चौक के निकट विभिन्न राजनीतिक दलों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ सड़क जाम में हिस्सा लिया।
इस मौके पर बादल ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार इस डेथ वारंट को वापस नहीं ले लेती तब तक लोकतांत्रिक तरीकों से किसानों के समर्थन में पूरे देश भर में आंदोलन चलता रहेगा।
आज का यह अभूतपूर्व चक्का जाम ने यह साबित कर दिया है कि पूरे देश की जनता इस कानून के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि आज के सफल आंदोलन से केंद्र सरकार को भी किसानों की शक्ति का एहसास होगा और अपनी भूल को सुधार करने के लिए वह हठधर्मिता छोड़कर किसानों के हित में फैसला लेंगे।
बादल ने कहा कि इस आंदोलन में सैंकड़ों किसानों की शहादत हो चुकी है। अभी दिल्ली के आसपास के विभिन्न सीमाओं में हजारों की संख्या में आंदोलनरत किसान खुले आसमान के नीचे ठंड में लड़ाई जारी रखे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि वे खुद भी दिल्ली के सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर जा चुके हैं। किसानों को समर्थन देने का काम किया है।
इसके अलावा उड़ीसा से दिल्ली जाने वाले किसानों को रवाना करने का काम किया। बिहार भी जाकर किसानों को रवाना किया।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने बताया कि किसानों के समर्थन में प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में आगामी 10 फरवरी को राज्य के सभी प्रखण्डों में अधिवेशन की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है जबकि 13 फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों में किसानों के समर्थन में 10 से 20 किलोमीटर की पदयात्रा निकाली जाएगी।
उन्होंने बताया कि 20 फरवरी को हजारीबाग में राज्यव्यापी किसान सम्मेलन सह ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया जा रहा है। इन सारे कार्यक्रमों के संयोजक कृषि मंत्री बादल को बनाया गया है और वह खुद पूरी तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।