Supriyo Bhattacharya Targeted BJP: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने लोकसभा और राज्यसभा में PM नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के इस बार 400 पार की बातों को लेकर जमकर निशाना साधा है।
JMM के महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya) ने कहा कि देश अब लोकसभा चुनाव की ओर तेजी से बढ़ चला है। वर्तमान में संसद सत्र चल रहा है।
देश के प्रधानमंत्री ने पहले लोकसभा और अब राज्यसभा में कई बातें कहीं। इसमें पहला अबकी बार, 400 के पार। मजे की बात यह है कि देश अभी जिस दौर से गुजर रहा है। यह किसी से छिपी नहीं है। चारों ओर संघर्ष ही संघर्ष नजर आ रहा है। भट्टाचार्य बुधवार को हरमू स्थित संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।
PM की सोच, भारत में लोकतंत्र को समाप्त करना
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का यह बयान एक बड़ी सोच और साजिश की ओर बहुत कुछ इशारा कर रहा है। वह सोच है भारत में लोकतंत्र (Democracy) को समाप्त करना।
इसकी पुष्टि खुद भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने चंढ़ीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर कर दी है। बड़ी अदालत ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या (Murder) हो रही है, हम चुप नहीं रह सकते हैं। ऐसे में यह भी स्पष्ट है कि लोकतंत्र का हत्यारा कौन है।
निश्चित तौर पर BJP है। इस प्रसंग में वो बातें कही वो मेयर चुनाव के पीठासीन पदाधिकारी और वर्तमान पार्षद के बारे में कही गयी। ये बातें करीब 2023 से चल रही है। लोकतंत्र की हत्या महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार और ताजा-ताजा झारखंड में हुई।
उन्होंने कहा कि चिंता की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि झारखंड और पड़ोसी Bihar में BJP एक अंक में सिमट जाएगी। बंगाल में प्रधानमंत्री सपना देखते रहे। वहां भी ऐसा ही हश्र होगा।
लोकतंत्र की हत्या का नंगा नाच
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री संसद में बोल रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट अपने कक्ष में बोल रहा है। उनका स्पष्ट इशारा है कि चुनाव एक और अवसर होगा, नतीजा तय है। लोकतंत्र की हत्या का नंगा नाच यहां हुआ है। जब एक मुख्यमंत्री Raj Bhavan जाते हैं और उसे गिरफ्तार (Arrest) कर लिया जाता है।
अब तो लगता है कि हम अपनी फरियाद लेकर भी उच्च न्यायालय और उच्चत्तम न्यायालय में जाएं, ऐसा ना हो वहां पहले से नाटा मल्लिक बैठा हो और हमें सीधे फांसी पर लटका दे।
क्योंकि जो जल्लाद का काम होता है, वह अब BJP का पीठासीन पदाधिकारी कर रहा है। बहुत बड़ी-बड़ी बातें यहां के BJP नेताओं ने कही। उनकी बातों से यह स्पष्ट हो गया कि जो विपक्ष है, वह उसके टारगेट में है।
अब वह विक्टिम नहीं है, टारगेट में है और अब टारगेट को सूट करना है। टारगेट का काम तमाम कर देना है। यह परिकल्पना किसी ने नहीं की थी।