रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) सुप्रीमो और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन (Shibu Soren) ने गुरुवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) को पत्र लिखकर झारखंड में बांग्ला भाषा (Bangla Language) निवासी स्थानों को चिह्नित करने का आग्रह किया है।
उन्होंने अपने पत्र में झारखंड सरकार (Government of Jharkhand) से परामर्श लेकर ऐसा करने की अपील रेल मंत्री से की है।
बांग्ला भाषा राज्य के एक बड़े हिस्से में बोल-चाल की सामान्य भाषा
साथ ही झारखंड के बांग्ला बहुल क्षेत्रों में रेलवे स्टेशनों के नामों में जनजातीय भाषाओं के साथ-साथ बांग्ला भाषा का भी प्रयोग अनिवार्य रूप से करने का निवेदन किया है।
पत्र में आग्रह किया है कि झारखंड के संथाल परगना, मानभूम, सिंहभूम, घालभूम एवं पंचपरगना क्षेत्रों में बंग्लाभाषी लोगों की एक विशाल आबादी है।
बांग्ला भाषा राज्य के एक बड़े हिस्से में बोल-चाल की सामान्य भाषा है।
इन स्टेशनों के नाम से हट गई है बांग्ला भाषा
शिबू सोरेन के अनुसार, राज्य के पाकुड़, बड़हवा, जामताड़ा, मिहिजाम, मधुपुर, जसीडीह, मैथुन कुमारधुबी चिरकुण्डा, कालुबधान धनबाद, गोमो पारसनाथ, हजारीबाग रोड, मूरी, रांची, हटिया, चाकुलिया गालूडीह, राखा माइंस, टाटानगर, चांडिल, कान्द्रा, चक्रधरपुर चाईबासा, बरकाकाना, रांची रोड जैसे कई पुराने रेलवे स्टेशनों के नाम पट्टिकाओं में बांग्ला भाषा उल्लेखित रहा है।
विगत कई वर्षों से यह देखा जा रहा है कि इस क्षेत्र से बांग्ला भाषा में लिखे नाम को मिटा दिया गया, जो अत्यंत अव्यावहारिक एवं दुर्भाग्यपूर्ण है।