रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के न्यायाधीश जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस रत्नाकर भेंगरा (S Chandrasekhar and Justice Ratnakar Bhengra) की खंडपीठ में गुरुवार को कोयला उठाव को लेकर तिरुपति इंटरप्राइजेज की ओर से दाखिल अवमानना वाद पर सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान JMSDC के अमित कुमार (MD Amit Kumar) अदालत के समक्ष सशरीर उपस्थित रहे।
उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि MD कंपनी को कोयला का उठाव करने के लिए 45 दिनों की मोहलत दी गई है, जिसके बाद अदालत ने याचिकाकर्ता को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
अगली सुनवाई की तिथि 20 दिसंबर मुकर्रर की गई
सिकनी कोल माइंस से आवंटन होने के बाद भी कोयला नहीं मिलने को लेकर तिरुपति इंटरप्राइजेज ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन (Advocate General Rajeev Ranjan) ने बहस की।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सिकनीन (लातेहार) में वर्ष 2020 में एक लाख टन कोयले के आवंटन का आदेश हुआ था लेकिन तिरुपति इंटरप्राइजेज (Tirupati Enterprises) को 75 हजार 800 टन कोयला नहीं मिला। अब इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 20 दिसंबर मुकर्रर की गई है।