TV journalist Soumya Viswanathan: दिल्ली की एक अदालत ने TV पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की 2008 में हुई हत्या के मामले (Soumya Viswanathan Murder Case) में शनिवार को चार दोषियों को आजीवन कारावास, जबकि पांचवें दोषी को तीन साल जेल की सजा सुनाई।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार पांडेय ने सजा सुनाते हुए कहा कि यह अपराध ‘दुर्लभतम’ मामलों की श्रेणी में नहीं आता है, इसलिए मौत की सजा का अनुरोध अस्वीकार किया जाता है।
अदालत ने मामले में दोषी करार दिये गए रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार को आजीवन कारावास, जबकि पांचवें दोषी अजय सेठी को तीन साल साधारण कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने कपूर, शुक्ला, मलिक और कुमार पर 1.25-1.25 लाख रुपये का जबकि सेठी पर 7.25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अदालत ने कहा कि सेठी पहले ही 14 साल से अधिक समय जेल में गुजार चुका है।
इसने कहा कि दोषियों पर लगाई गई कुल जुर्माना राशि पीड़िता के परिवार को दी जाएगी।
सुनवाई के दौरान पीड़िता की मां माधवी विश्वनाथन ने अदालत से कहा कि वह पिछले 15 साल से न्याय मिलने का इंतजार कर रही हैं।
हत्या का मकसद था लूटपाट करना
एक प्रमुख अंग्रेजी समाचार चैनल (English news channel) में पत्रकार के रूप में कार्यरत विश्वनाथन की 30 सितंबर, 2008 की देर रात दक्षिणी दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह कार्य स्थल से घर लौट रही थीं। पुलिस ने दावा किया था कि हत्या का मकसद लूटपाट करना था।
अदालत ने 18 अक्टूबर को रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या) और महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के प्रावधानों के तहत दोषी करार दिया था।
अजय सेठी को IPC की धारा 411 (चोरी की संपत्ति बेईमानी से प्राप्त करने) तथा संगठित अपराध को बढ़ावा देने, जानबूझकर मदद करने और संगठित अपराध की आय प्राप्त करने की साजिश रचने के लिए मकोका के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया गया था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, कपूर ने लूटपाट करने के लिए 30 सितंबर, 2008 को दक्षिण दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर विश्वनाथन की कार का पीछा करते समय उन्हें गोली मार दी थी। कपूर के साथ शुक्ला, कुमार और मलिक भी थे।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि पुलिस ने हत्या (Murder) में इस्तेमाल की गई कार सेठी उर्फ चाचा से बरामद की थी।